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Urethra Diseases

श्लीपद या फीलपाँव या ‘हाथीपाँव’ का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For…

इन कृमियों के कारण रक्तवहा-नाड़ी, पेशी, स्नायु या अस्थियों का आयतन बढ़ जाता है; जलबटिका पैदा हो जाती है और उससे दूध या पनीर की तरह स्राव निकलता है। अकौता, त्वचा पर पीब भरे घाव होना और ज्वर आदि इस रोग के लक्षण हाइड्रोकोटाइल 8, Ix — इस रोग…
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शोणित कृमि का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Filariasis Worms ]

यह कृमि पुष्ट तथा देखने में लंबा और पतले सूत की तरह होता है। यह कृमि चार हाथ लंबा और। बटा 10 इंच तक मोटा हो सकता है। रोगी के रक्त और लसिका-प्रदाह में यह मौजूद रहता है। इस कृमि के जीवाणु मच्छर द्वारा अच्छे-भले शरीर में पहुंचते हैं। इस रोग…
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फीता कृमि का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Cestoda, Tapeworms ]

इस जाति के कृमि फीते जैसे चपटे होते हैं और उनका रंग सफेद होता है। ये छोटी आंत में रहते हैं। इनकी लंबाई 5 फीट से लेकर 25 फीट तक होती है। साधारण कृमि में ये सब लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे-मलद्वार कुटकुटाना, नाक खुजलाना, दांत कड़कड़ाना, दांत…
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सूत की तरह कृमि का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Threadworm ]

इस प्रकार के कृमि दल बांधकर मलद्वार के पास रहते हैं। कभी मूत्रनली या योनि-द्वार में भी चले जाते हैं। इसी कारण से इन स्थानों में खुजली होती है, जलन होती है और धातु निकलती है। मादा-कृमि पौन इंच और नर-कृमि चौथाई इंच लंबे होते हैं। इनके रहने का…
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सूत्रकृमि या गोल कृमि (नेमैटोड) का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Treatment For Nematodes,…

ये कृमि बड़े, देखने में केंचुए जैसे लंबे और गोल होते हैं। इनका रंग पीला या लाल आभायुक्त अथवा सफेद होता है। नर-मादा एक साथ रहते हैं। मादा की अपेक्षा नर-कृमि छोटा होता है। मादा-कृमि की लंबाई 6 इंच से लेकर 15 इंच तक और नर-कृमि की लंबाई 10 इंच…
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कृमिरोग का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Helminthiasis, Worm Infection ]

मनुष्य की आंतों के भीतर साधारणतः तीन प्रकार के कृमि देखने में आते हैं-(1) राउंड वर्ल्स (केंचुए जैसे लंबे और गोल कृमि), (2) ग्रेड वर्क्स (सूत जैसे कृमि), (3) टेप वर्क्स (फीते की तरह कृमि)। इन कृमियों के कारण गुदा-द्वार में बेदह खुजली होती है…
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स्त्री के जननांगों में जख्म होना और गुदा प्रदेश में खुजली होने का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic…

बवासीर, कृमि, रजोरोध; एकाएक किसी चर्म रोग या स्राव का रुक जाना, मल-संचय, अफीम या क्लोरल का बराबर सेवन करना, यकृत का दोष आदि कारणों से मलद्वार कुटकुटाता है, सुरसुराता है और खुजली होती है। रेडियम ब्रोमेटम 30 प्रति सप्ताह 1 मात्रा सेवन करनी…
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गुदा में जख्म का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Ulcer in Rectum ]

सल्फर 30 — गुदा के घाव में चारों तरफ लाली होती है, उसमें खुजली मचती है, जलन होती है, बार-बार मल-त्याग की इच्छा होती है, किंतु मल नहीं निकलता, दर्द होता है। ग्रैफाइटिस 6 — आंव के धागों में लिपटा मल निकलता है, घाव हो जाता है, गुदा चिरमिराहट…
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मलत्याग करते समय गुदा में कूथन या मरोड़े उठने का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For…

मर्क सोल 6 — मल-त्याग करते समय लगातार कुंथना, मरोड़ बने रहना, मल में आंव तथा रक्त के सिवा कुछ नहीं आता। इन लक्षणों में यह औषधि उपयोगी है। सल्फर 30 — मल-त्यागने से पहले और मल-त्याग के बाद भी जोर लगाना पड़ता है। बहुत तेज ऐंठन होती है और…
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गुदा प्रदेश में खुजली होने का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Pruritus Ani ]

अर्श, कृमि, रजोरोध, एकाएक किसी चर्म-रोग का होना या स्राव का रुक जाना, मल-संचय, नशीली वस्तु का बराबर सेवन करना, यकृत का दोष आदि कारणों से गुदा-द्वार सुरसुराता है और खुजली होती है। रेडियम ब्रोम 30 — सारे शरीर में खुजली, त्वचा में ऐसी जलन…
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