Gatime Poorn Titali Asana Method and Benefits In Hindi
गतिमय पूर्ण तितली आसन
पहला विधि
सामने की तरफ़ पैर फैलाकर बैठ जाएँ। कमर, रीढ़, गर्दन एवं सिर सीधा रखें। अब दोनों पैरों को मोड़ते हुए दोनों तलवों को आपस में मिलाएँ और जननेंद्रिय के पास सटाकर रखें। दोनों हाथों से दोनों पैरों के पंजों को पकड़े और दोनों जाँघों को ऊपर-नीचे पहले A, धीरे-धीरे फिर कुछ तेज़ी से ज़मीन से स्पर्श कराने की कोशिश करें।
दूसरा विधि
सामने की तरफ़ पैर फैलाकर बैठ जाएँ। कमर, रीढ़, गर्दन व सिर सीधा एवं तना हुआ रखें। दोनों पैरों को मोड़ते हुए दोनों तलवों को आपस में मिलाएँ और जननेंद्रिय के पास सटाकर रखें। दोनों हाथ घुटनों पर रखें (बायाँ हाथ बाएँ घुटने पर एवं दाहिना हाथ दाएँ घुटने पर) एवं धीरे-धीरे दोनों हाथों से दोनों घुटनों को ज़मीन की तरफ़ दबाएँ फिर इन्हें N/ वापस ऊपर आने दें। यही क्रम 20 से 25 बार करें। घुटनों का स्पर्श ज़मीन से कराने की कोशिश करें।
श्वासक्रम: सामान्य।
लाभ
- तितली आसन से घुटने और नितंबों के जोड़ मज़बूत होते हैं और यह नितंब में बढ़ी हुई अनावश्यक चर्बी कम कर उन्हें संतुलित करता है।
- वायु प्रकोप शांत करता है।
- अधोभाग में नई चेतना प्रदान करता है।
- पाचनतंत्र को स्थायित्व प्रदान करता है।
सावधानियाँ: साइटिका एवं कमरदर्द वाले रोगी परिस्थिति अनुसार तीव्र दर्द हो तो न करें।
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