जन्म चिह्न का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Birthmark ]

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बहुत-से बच्चों के जन्म से ही कुछ चिह्न, जैसे मस्से, तिल आदि पाए जाते हैं। इनसे कोई हानि नहीं होती। अनेक बच्चों के जन्म-चिह्न शिरा-प्रणालिकाओं के होते हैं। इनका कहीं गूमड़-सा बन जाता है। ऐसे चिों में अग्रलिखित औषधियां उपयोगी हैं

फ्लोरिक एसिड 30 — यह औषधि जन्म-चिह एवं ट्युमर आदि में लाभकारी है।

वैक्सीनीनम 200 — इस औषधि की 1 मात्रा सप्ताह में एक बार दें। इसके आगे-पीछे कोई अन्य औषधि न दें और इसका प्रभाव देखें।

फास्फोरस 30 — यह भी जन्म-चिों को समाप्त करने में उपयोगी है।

थूजा 6, 30 — जन्म-चिह्नों की समाप्ति की प्रक्रिया का आरंभ इस औषधि से करना चाहिए। इसके टिंक्चर को सुबह-शाम दिन में दो बार चिों पर लगाना चाहिए।

रेडियम ब्रोम 30, 200 — थूजा के साथ सप्ताह में 1 बार यह औषधि देनी चाहिए। जिस दिन यह औषधि दी जाए, उससे एक दिन पहले और एक दिन बाद थूजा नहीं देनी चाहिए।

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