मुंह के छाले का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Canker Sore ]

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कभी-कभी किसी बच्चे या बड़े लोगों के मुंह में छाले हो जाते है अथवा किसी का मुंह आ जाता है और कभी ये दोनों रोग एक साथ ही हो जाते हैं। यह बड़ा कष्टदायक रोग है। इसमें रोगी न कुछ खा सकता है और न पी सकता है। यदि ऐसा करता भी है, तो उसे भयानक पीड़ा का सामना करना पड़ता है। ये रोग प्रायः पेट की खराबी की वजह से हो जाया करते हैं।

एरम ट्रिफाइलम 3, 30 — ऐसा मालूम हो कि मुंह आ गया है। मुंह के तालुए में पीड़ा, होंठों में दुखन; मुंह के कोने फट जाएं, दुखने लगें, नाक भी दुखे; जिह्वा पर छाले हो जाएं, तब यह औषधि प्रयोग करें, लाभ होगा।

बेलाडोना 6, 30 — मुंह खुश्क, जिह्वा में छाले, भीतर से मुंह तथा गला लाल, कोई भी तरल पदार्थ लेने में अरुचि, यहां तक कि तरी वाली सब्जी से भी उसे घृणा होती है।

नाइट्रिक एसिड 6 — मुंह आने और मुंह दुखने के साथ होंठों के जोड़ फट जाना; मुंह का भीतरी भन लाल, सूजा हुआ, चमकदार होना; गाल में छाले तथा मुंह से बेहद बदबू आना।

बोरेक्स 3x — जिस बच्चे के मुंह में छाले पड़ जाते हैं, वह दूध पीते समय इनमें दुखन के कारण चिल्लाने लगता है। दरअसल मुंह में जो सफेद छाले होते हैं, छूने या कुछ खिलाने पर इनमें से खून निकलने लगता है, पीड़ा उसी कारण होती है। यह औषधि बच्चों और बड़ों दोनों के लिए अत्यंत उपयोगी है।

हिपर सल्फर 30, 200 — मुंह आता है, मुंह के कोनों में छिछड़े से पड़ जाना, ठोड़ी पर भी छाले हो जाते हैं।

कैप्सिकम 6, 30 — भीतर से मुंह सूज जाना, जिह्म के अग्रभाग में जलन होना, प्यास अधिक होना, किंतु पानी पीने से शरीर में कंपकंपी होना।

नैट्रम म्यूर 6 — जिह्वा के पासों में दाद जैसे गोल-गोल चिह्न होना; मुंह के भीतर की सूजन के साथ जिह्म पर नक्शा-सा बना होना और उस पर यहां-वहां निशान होना; इन लक्षणों में यह औषधि लाभदायक है।

मर्क कोर 3, 6 — मुंह आना, मुंह में छाले पड़ जाना, गले की ग्रंथियां का सूज जाना, जरा से स्पर्श से गले में दर्द होना, यह दर्द कान तक चला जाता है।

मर्क सोल 30 — मुंह आना और मुंह के छालों के लिए यह प्रमुख औषधि है। मुंह के छाले तो क्या, पेट और आंतों की श्लैष्मिक-झिल्ली के घावों के लिए भी अति उत्तम औषधि है। यदि किसी कारणवश मर्क सोल से लाभ आरंभ होकर पांच-छह दिन के बाद रुक जाए, तो सल्फर देने से तत्काल लाभ होता है। यदि सल्फर से भी पूरा लाभ न हो, तो कैल्केरिया कार्ब को देना अच्छा रहता है। रोगी को जिस औषधि से लाभ होता दिखे, उसी को देते रहना चाहिए।

कैलि क्लोरिकम 2, 6 — नमक-मिर्च और मसालेदार भोजन करने पर मुंह में छाले पड़ जाएं और मुंह से बहुत अधिक लार बहने लगे, तब यह औषधि उपयोगी है।

सल्फ्यूरिक एसिड 3, 30 — श्वास से बेहद बदबू आती है, सारे शरीर से खटास की गंध आती है; मुंह के छाले कष्ट देते हैं, मसूड़ों से रक्त निकलता है, रोगी पायोरिया से पीड़ित होता है, तब उपयोगी है।

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