हमेशा ठंड लगने का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Coldness ]

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बहुत से लोगों को ठंड बहुत लगती है, चाहे वो कितने ही कपड़े पहन लें, उन्हें ठंड लगती रहती है। कभी-कभी ठंड शरीर के किसी एक विशेष भाग में महसूस होती है। जुकाम और ज्वर इसके विशेष लक्षण हैं।

हेलोडर्मा 30 — सारे शरीर में ठंड का अनुभव होना इसका मुख्य लक्षण है। सिर के पीछे से ठंड उतरती और चढ़ती है, मानो सिर के चारों ओर ठंडी पट्टी बंधी है। खोपड़ी के भीतर, चेहरे पर; फेफड़ों, हृदय, पीठ और हाथों में ठंड ही ठंड; ज्वर चढ़ आने पर तो ऐसी ठंड प्रतीत हो मानो रोगी जम कर ही मर जाएगा। इस औषधि की 30 शक्ति इसमें लाभ करती है।

सीपिया 6, 30 — सिर के बीचोंबीच अत्यधिक ठंड महसूस होने पर इसे दें। सीपिया के अभाव में वेरेटम एल्बम भी दी जा सकती है।

एकोनाइट 3 — पीठ में ठंड अनुभव होने पर इसे दें। इससे ठंड लगने में कमी आती है और रोगी राहत महसूस करता है।

आर्सेनिक 3 — ऐसा लगता है मानों पीठ पर बर्फ का ठंडा पानी छोड़ा जा रहा है। ऐसे लक्षण में यह उपयोगी है।

ऐगारिकस 3 — मानो कमर के नीचे के हिस्से को बर्फ के पानी में डुबो दिया गया है। यह औषधि इस ठंडक से मुक्त करा देती है।

कैम्फर (मूल-अर्क) — शरीर की बाहरी त्वचा पर ठंड लगना और भीतर गर्मी का अनुभव होता है। शरीर में ठंडक तो महसूस होती है, किंतु रोगी कपड़ा नहीं ओढ़ सकता; कोई कपड़ा उसे सहन नहीं होता।

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