जरायु की स्थान-च्युति का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Displacement of the Uterus ]

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प्रायः प्रसव के बाद जरायु-संबंधी दो प्रकार के कष्ट हो जाया करते हैं-(1) जरायु की स्थान-च्युति (जरायु का अपने स्थान से हट जाना), (2) जरायु का लटक कर योनि तक अथवा योनि से बाहर तक आ जाना। इसमें निम्न औषधियां लाभ करती हैं

एलो 3 — प्रसव के बाद जरायु की स्थान-च्युति तथा प्रोलैप्सस (जरायु का लटक कर योनि अथवा योनि से बाहर आ जाना) के साथ दस्त आते रहने में यह औषधि अत्यंत उपयोगी है।

रूटा 6 — प्रसव के पहले या बाद में मल-त्याग के समय जोर लगाने पर प्रोलैप्सस की शिकायत हो जाती है। इसके लिए यह उत्तम औषधि है।

सीपिया 12 — ऐसा प्रतीत होना कि भीतर के सब अंग बाह्य-जननांगों से बाहर निकल पड़ेंगे।

पोडोफाइलम (मूल-अर्क) 6 — प्रसव के बाद, मल-त्याग के समय या शरीर की किसी भी हरकत से जरायु (गर्भाशय) को बाहर निकल पड़ना; इसमें यह औषधि बहुत उपयोगी सिद्ध होती है।

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