श्लीपद या फीलपाँव या ‘हाथीपाँव’ का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Elephantiasis Worms ]
इन कृमियों के कारण रक्तवहा-नाड़ी, पेशी, स्नायु या अस्थियों का आयतन बढ़ जाता है; जलबटिका पैदा हो जाती है और उससे दूध या पनीर की तरह स्राव निकलता है। अकौता, त्वचा पर पीब भरे घाव होना और ज्वर आदि इस रोग के लक्षण
हाइड्रोकोटाइल 8, Ix — इस रोग की यह सर्वोत्कृष्ट औषधि है।
ऐनाकार्डियम 1x — जब हाइड्रोकोटाइल से कोई लाभ होता दिखाई न दे, तो इसे देना चाहिए।
Comments are closed.