क्रोध या ग़ुस्सा का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Furious ]
नक्सवोमिका 30 — रोगी किसी रुकावट को बर्दाश्त नहीं कर सकता। रोगी विरोध को सहन नहीं कर सकता, बदला लेने को तत्पर हो जाता है, बड़ा चिड़चिड़ा होता है, बात-बात पर क्रोध करता है; झुंझलाहट हमेशा उसके चेहरे पर होती है।
आयोडियम 30 — रोगी वर्तमान-काल की परेशानी के कारण क्रोधित हो जाता है और वह चाहता है कि अपने विरोधी की हत्या कर दे या उसे जहन्नुम पहुंचा दे। वह भविष्य की कभी नहीं सोचता।।
कैमोमिला 30 — बच्चा हर चीज को लेने के लिए चिल्लाता है, किंतु जब उसे वह चीज दे दी जाती है, तो उसे वह फेंक देता है, क्रोधित हो जाता है। जो बच्चा मानसिक दृष्टि-से शांत-प्रकृति का हो, उसे यह औषधि न देनी चाहिए, बल्कि जो क्रोधी स्वभाव का हो, उसको यह औषधि लाभ करती है।
लाइकोपोडियम 30 — मानसिक-लक्षणों में नक्सवोमिका और लाइकोपोडियम प्रायः एक समान औषधियां हैं, अंतर केवल यह है कि नक्सवोमिका का क्रोध, जब कोई उसके समीप झगड़ने आए और लाइकोपोडियम का रोगी स्वयं झगड़ा मोल लिया करता है।
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