सिर का दर्द का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Headache ]
आज के आधुनिक जीवन में भागदौड़, काम-काज की व्यस्तता और आहार विहार में निश्चित समय और संतुलन न होने से 85 प्रतिशत स्त्री-पुरुष शिरःशूल (सिरदर्द) के शिकार होते हैं। लंबे समय तक गरिष्ठ, तेल-मिर्च तथा गरम मसालों की चीजें खाते रहने से उदर की शुष्कता मस्तिष्क को प्रभावित करती है। स्नायुओं में तनाव होने से दर्द होने लगता है। शिरःशूल का दृष्टि से भी सीधा संबंध है। मस्तिष्क का अधिक कार्य करने वाले स्त्री-पुरुष द छात्र, बच्चों की दृष्टि निर्बल होती है। ऐसे में यदि उनको अधिक कार्य करना पड़ता है, तो शिरःशूल होना स्वाभाविक है। युवा लड़कियों में ऋतुस्राव की विकृति से भी शिरःशूल हो जाता है। ऋतुस्राव में विलंब होने या रुक-रुक कर देर तक स्राव होने पर प्रायः शिरःशूल हो जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार शिरःशूल कोई स्वतंत्र रोग नहीं है, अपितु रोग-विकारों के कारण ही शिरःशूल की उत्पत्ति होती है और फिर शिर-शूल स्थायी रूप धारण कर लेता है।
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