अंकुश कृमि या वक्र कृमि या हुकवर्म का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Hookworm ]

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मनुष्य की आंत में सूत की तरह का एक छोटा कृमि होता या हो जाता है, जो उसकी कोमल त्वचा को भीतर ही भीतर खाता रहता है। इस कृमि की लंबाई आधा इंच के लगभग होती है और मोटाई बाल के बराबर होती है। यह छोटी आंत के ऊपरी अंश को पकड़े रखता है और पिशाच की तरह मनुष्य का रक्त चूसता हुआ बढ़ता है।

फिलिक्स-मास, चेनोपॉडियम, ऐन्थेलमेटिकम θ — इनके टिंक्चर की 10 बूंद 2 घंटे का अंतर देकर, नित्य 3 मात्रा एक दिन सेवन करने से इन कृमियों से मुक्ति मिल जाती है। जब हुक-वर्म शरीर से निकल जाएं, तब चायना, फेरम फॉस, एसिड फॉस, स्टेनम, सिना, स्पाइजेलिया और ट्युक्रियम आदि कृमि-रोग की औषधियां लक्षण के अनुसार कुछ दिन तक प्रयोग करनी चाहिए।

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