जलान्तक का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Hydrophobia ]

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कुत्ता, बिल्ली आदि के काटने से यह रोग उत्पन्न होता है। इनके दांत और नाखूनों से त्वचा में घाव होकर, उस जगह पर इनकी लार लगकर शरीर में विष फैल जाता है। एक-डेढ़ सप्ताह में ही घाव के आसपास की जगह में खुजली मचने लगती है और जलन आदि उत्पन्न हो जाती है। चंचल मन चिड़चिड़ा हो जाता है। यदि कुत्ता पागल हुआ, तो बहुत ही घातक परिणाम सामने आते हैं। गले की पेशियां सिकुड़ कर गरदन अकड़ जाती है। कमजोरी, ऐंठन, मिर्गी और धनुषटंकार आदि उपसर्ग होते हैं और समय पर चिकित्सा न मिलने के कारण रोगी मृत्यु-मुख में चला जाता है।

हाइड्रोफोबिनम 30, 200 — इस रोग में यह औषधि लाभ करती है। एक सप्ताह तक दिन में 3 बार के हिसाब से इस औषधि का प्रयोग करना चाहिए।

स्टैमोनियम 1x — स्नायविक उत्तेजना और प्रलाप अधिक हो।

लैकेसिस 30 — शरीर में अकड़न और अधिक खींचन होने पर उपयोगी है।

लिसिन 3x — यह इस रोग की यह उत्तम औषधि है। डॉ० ह्यूजेज के मत से बेलाडोना 30 और डॉ० हेले के मतानुसार स्कुटेलेरिया 30 इस रोगी उत्तम औषधियां हैं।

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