टांगों का पक्षाघात (लकवा) का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Loco-Motor Ataxia ]

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लैथाइरस 3 — टांगें अकड़ जाएं, चलते हुए घुटने एक-दूसरे से टकराएं, टांगों में अकड़न हो, रोगी बैठता हुआ टांगों को फैला न सके, तब यह औषधि लाभ करती है।

रस-टॉक्स 30 — यदि वात-व्याधि से टांगों का पक्षाघात हो, बेचैनी हो, तो इसे दें।।

कैलि आयोडाइड — यदि व्यक्ति को टांगों का पक्षाघात हुआ हो, तो इसकी 3 ग्रेन की 1 मात्रा प्रति 4 घंटे दें।

जेलसिमियम 6, 30 — टांगों के पक्षाघात पर इस औषधि का विशेष प्रभाव है। यह डिफ्थीरिया के बाद टांगों का पक्षाघात होने पर बहुत उपयोगी है।

मैंगेनम 3x — रोगी चलने की कोशिश करता है, लेकिन चल नहीं पाता है, गिर जाता है, ऐसा पक्षाघात के कारण होता है, तब इसका प्रयोग करें।

आर्निका 200 — यदि चोट आदि लगने से पक्षाघात हुआ हो, तो इस औषधि का प्रयोग करना चाहिए। कई होम्योपैथ का कथन है कि चोट से पक्षाघात होने पर पहले एकोनाइट 200 देकर फिर 9 घंटे के बाद आर्निका 200 देना उपयोगी है।

हाइपेरिकम 30 — यदि उपरोक्त औषधियों से पक्षाघात में लाभ न हो, तो यह औषधि देनी चाहिए। इससे निश्चित ही लाभ होता है।

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