नासिका प्रदाह का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Rhinitis ]

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इस रोग में नाक की श्लैष्मिक-झिल्ली में प्रदाह हो जाता है, जिसके कारण नाक गरम, लाल तथा फूली हुई रहती है।

मर्क सोल 3x, 30 अथवा हिपर सल्फर 6 — यदि नाक के भीतर की श्लैष्मिक-झिल्ली में पस पड़ जाए, तब इनसे लाभ होता है। किसी एक को प्रयोग करें।

लेम्ना माइनर 3, 30 — नाक के अर्बुद, नाक सूजने या नाक को प्रदाह होने से जब नाक बंद हो जाती है, वर्षा-ऋतु में कष्ट बढ़ जाता है, दमे का-सा प्रकोप हो जाता है; नाक से किसी प्रकार की गंध भी नहीं आती, तब उपयोगी है।

एकोनाइट 3, 30 — यदि सर्दी के कारण नाक के भीतर की झिल्ली का प्रदाह हो, नाक बेहद गरम, सूजी हुई या लाल रहती हो, तब इस औषधि का प्रयोग करना चाहिए।

बेलाडोना 3, 30 — यदि नाक बहुत अधिक लाल हो गई हो; किसी भी अन्य कारण से नाक भीतर-बाहर से लाल हो जाए, रक्त-संचय हो जाए, तब इसे दें।

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