स्तनों में पीड़ा का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Sore and Painful Nipples ]

922

हैमेमेलिस (मूल-अर्क) — इसके मदर टिंक्चर की 20 बूंद 1 कप पानी में डालकर दुखते स्तनों को धोना चाहिए। बच्चे को दूध पिलाने से पहले स्तनों को धो अवश्य लेना चाहिए।

कैस्टर इक्वी 12 — स्तनों के फट जाने तथा जख्मी हो जाने में यह औषधि अत्यंत उपयोगी है।

सिपिया 200 — स्तन सूज जाएं या फट जाएं, तब इसका प्रयोग करें।

आर्निका (मूल-अर्क) — इसके लोशन (20 बूंद 1 कप पानी में मिलाकर तैयार करें) से स्तनों को खूब अच्छी तरह से धो डालना चाहिए, फिर स्तनों को साफ पानी से धोकर बच्चे को दूध पिलाने की प्रक्रिया करनी चाहिए, अन्यथा बच्चे को हानि पहुंच सकती है।

फैलैन्ड्रियम 6 — जब बच्चे द्वारा स्तनों से दूध पीने के बाद माता के स्तन दुखने लगे, तब इसका प्रयोग करें।

क्रोटन टिग 30 — जो माताएं बच्चे को दूध पिलाती हैं, उनके स्तनों से दर्द उठकर पीठ की तरफ जाता है, तब इस औषधि से विशेष लाभ होता है।

कोनायम 200 — इस औषधि का शरीर की ग्रंथियों पर विशेष प्रभाव है। स्तन भी तो ग्रंथियों ही हैं। स्तन कठोर हो जाएं, छूने से दर्द हो, किंतु जोर से दबाने की इच्छा हो, तब इसे दें।

ब्रायोनिया 30 — गर्भावस्था में स्तनों में तनाव हो, दबाने से दर्द हो, तब यह औषधि दें।

Comments are closed.