पीत-ज्वर (पीला बुखार) का होम्योपैथिक दवा [ Homeopathic Medicine For Yellow Fever ]

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यह ज्वर निश्चय ही एक संक्रामक रोग है, गरम देशों में रहने वाले लोगों को ही यह अधिकतर अपना शिकार बनाता है। स्टैगोमिया नामक जीवाणु अपने विष द्वारा इस रोग की उत्पत्ति करता है। संभवतः इस रोग से मरने वालों की संख्या बहुत अधिक है। यदि इस रोग में कोई पैथी काम करती है, तो वह होम्योपैथी ही है। ऐलोपैथिक दवाओं से यह रोग दब जाता है, किंतु समाप्त नहीं होता। यह किसी भी मानव-शरीर में आठ से दस दिन तक ठहरता है और इतने समय में ही रोगी को बेहाल कर देता है, कभी-कभी उसे मृत्यु-मुख तक पहुंचा देता है। इसलिए हवा आने-जाने वाले कमरे में रोगी को बहुत साफ-सुथरा रखना चाहिए। रोगी का मल-मूत्र और गंदे कपड़े घर-मकान से दूर कहीं भूमि में दबा आने चाहिए। ज्वर की तेजी में शरीर को गरम पानी से पोंछ देना चाहिए।

आर्सेनिक एल्बम 3, 6 – ज्वर में तेजी, मुंह पीला या नीला, नाक का अगला भाग ठंडा, जिह्मा सूखी, धुमैली या काली, शरीर में बहुत सुस्ती, खाने-पीने के बाद कै, पेट में दर्द और तेज जलन, बूंद-बूंद पेशाब और पेशाब करने में कष्ट, ठंडा और लसदार पसीना, मूत्राशय या जरायु से रक्त निकलना, मृत्यु का भय आदि।

क्रोटेलस 3 – रक्त-दोष, शक्ति की क्षीणता, आंखें लाल, रक्तिम पसीना, शरीर की त्वचा और आंखों का पीला पड़ जाना, ज्वर की अधिकता, प्रलाप।

लैकेसिस 6 – स्नायु-दोष, काला रक्त-स्राव, गहरी सुस्ती, जिह्वा सुखी और कांपती हुई, प्रलाप, काले रंग का पेशाब, चेहरा पीला, तीव्र ज्वर।

कैडमियम-सल्फ 30 – पाकाशय में जलन और कतरने जैसा दर्द, श्वास बंद कर देने वाली मिचली, तेज कै या कै करने की इच्छा, अधिक ताप।

कैम्फर 3 – ज्वर वाली अवस्था के आरंभ में, तेज तथा बहुत देर तक ठहरने वाला ज्वर और कंपकंपी के लक्षण में, एकेक बूंद दस-पन्द्रह मिनट का अंतर देकर प्रयोग करें ।

एकोनाइट 6 – ज्वर की अवस्था में जाड़ा लगने के बाद शरीर का ताप 102 डिग्री या उसके ऊपर होना, शरीर लाल, चेहरा पीला, शरीर की त्वचा रूखी, नाड़ी भारी, कड़ी और तेज, प्यास की अधिकता, सिर में दर्द, श्लेष्मा और पित्त की कै, मिचली ।

बेलाडोना 30 – मस्तिष्क में रक्त अधिक हो जाने के लक्षण में (आंखें लाल, कपाल की नसें फूली, नाड़ी भारी और तेज, प्रलाप, दांतों को किटकिटाने की इच्छा)।

ब्रायोनिया 3 – पाकाशय की गड़बड़ी के लक्षण में (जैसे – जिह्वा सादी या पीली, होंठ सूखे, कब्जियत, कै करने की इच्छा), ज्वर की तेजी, प्यास।

एण्टिम टार्ट 3 – यदि तकलीफ देने वाली मिचली बहुत देर तक बनी रहे।

आर्जेन्टम नाइट्रिकम 3 – सुस्ती, भूख बंद, मिचली, जाड़ा लगना, कंपकंपी होना, तेज ज्वर, नाड़ी तेज, चेहरा उदास, बदन में दुर्गन्ध, सिर में तेज दर्द, शरीर में जगह-जगह दर्द, पेशाब थोड़ा, कब्ज, नींद न आना, अजीर्ण, राक्षसी भूख, शरीर का पीला पड़ जाना, जीवनी शक्ति का ह्रास, गहरी अवसन्नता, प्रलाप, हिचकी, ऐंठन, बदहवासी आदि।

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