तंतुयुक्त ट्यूमर का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Remedies For Polypoid Tumour ]

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शरीर के किसी भी भाग अथवा किसी भी अंग में मांस के बढ़ जाने को “ट्युमर” कहते हैं। यह सूजन नहीं होती, बल्कि मांस का कुछ अंश बढ़ जाता है। यदि ग्लैंड पर किसी खंडी वस्तु की चोट से उसमें कड़ापन होने लगे, तो उसका अंत “ट्यूमर” होता है।

थाइरॉयडीनम 3x — जिन स्त्रियों को थाइरॉयड ग्लैंड के बढ़ने के कारण ट्युमर हो गया हो, उन्हें इस औषधि की 5 ग्रेन की मात्रा दिन में 3 बार दें।

थ्लास्पि बस पैस्टोरिस (मूल-अर्क)-यदि जरायु से अधिक मात्रा में रक्त-स्राव होता ही जाए और रुके नहीं, और यह स्थिति कैंसर या ट्यूमर के कारण से हो, तो यह औषधि दें।

साइलीशिया 6x, 30 — तंतुयुक्त कठोर ट्यूमर में जब तंतु बढ़कर ट्यूमर का रूप धारण कर रहे होते हैं, तब इस औषधि से वे हल हो जाते हैं, क्योंकि इस औषधि का काम शरीर के कठोर तंतुओं को हल कर देना है।

फिक्स रिलिजिओसा 1 — यदि शरीर के किसी भी अंग से निरंतर रक्त-स्राव हो अथवा ट्यूमर के कारण जरायु से रक्त निकलना बंद न हो, तो इस औषधि का प्रयोग किया जा सकता है।

ऑरम म्यूर 3x — यह जरायु के ट्युमर की सबसे शक्तिशाली औषधि है।।

कारसिनोसीनम 200 — यदि ट्यूमर के साथ पोषण-क्रिया का भी अभाव हो, तब यह औषधि देने से अत्यधिक लाभ होता है।

सिकेल कोर 30 — यह औषधि जरायु के तंतुयुक्त ट्यूमर में व्यवहार की जाती है।

ऐपिहिस्टिरीनम 200 — यदि बहुत अधिक रक्त-स्राव जरायु में ट्यूमर होने के कारण होता हो, तो यह औषधि उपयोगी है।

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