गला बैठना या स्वर लोप का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Treatment For Hoarseness ]

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स्वर-लोप का अर्थ है”बोल न सकना! जब गले में कोई खराबी आ जाती है, किसी प्रकार का विकार उत्पन्न हो जाता है, तब यह स्थिति आती है। निम्नलिखित औषधियों द्वारा इस स्थिति से निपटा जा सकता है।

कैलि ब्रोम 30 — रोगी बोल न पा रहा हो, अर्थात उसका स्वर-लोप हो गया हो, साथ ही स्मृति का ह्रास हो जाए, तब इस औषधि से लाभ होता है।

स्टैमोनियम 6, 30 — यदि स्वर-लोप के साथ रोगी शब्दों का सही उच्चारण भी अधिक समय तक न कर सके, तो यह औषधि उपयोगी है। जो लोग बोलते समय हकलाते हों, उन्हें भी इसका प्रयोग करना चाहिए।

ऐनाकार्डियम 30 — यदि स्वर-लोप के साथ मानसिक-शक्ति का ह्रास हो जाए, साथ ही पक्षाघात भी हो, तब इससे लाभ होता है।

चेनोपोडियम 6, 30 — इस औषधि को स्वर-लोप के निर्मित सर्वोत्तम माना जाता है। हर 4 घंटे के अंतर से बराबर देते रहें।

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