कलाई में संधि शोथ का दर्द का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Treatment For Rheumatoid arthritis ]

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लुएटिकम 200 — यदि कलाई में संधिवात का दर्द सवेरे से शाम तक होता रहे, तो दिन में एक मात्रा 200 शक्ति में 3-4 दिन तक देकर देखें। इस औषधि का प्रकृतिगत-लक्षण रात को रोग का बढ़ना है। यदि इस औषधि से लाभ होता दिखाई दे, तो इसे अधिक समय तक देनी चाहिए, जिससे रोग का समूल नष्ट हो जाए।

वायोला ऑडोरेटा 6 — दाहिनी कलाई और हथेली की हड्डियों के जोड़ों में दर्द होने में दें।

कैलि आयोडाइड 30 — कलाई की हड्डियों की ऊपरी परत में दर्द हो, तब यह उपयोगी है।

ऐक्टिया स्पाइकेटा 3, 6 — हाथ-पैर की उंगलियों के जोड़ों में दर्द, थोड़ी-सी थकावट से ही जोड़ों का सूज जाना, कलाई में शोथ हो सूज जाना, हाथों में शक्ति का अनुभव न होना, बाजू का सही ढंग से उठ न पाना। छोटे जोड़ों के दर्दी में यह औषधि उपयोगी है, विशेषकर हाथ की कलाई के दर्द में इससे लाभ होता है।

लीडर्म 3, 30 — संधिवात के दर्द में इस औषधि का बहुत महत्व है। इसका दर्द विशेषतः छोटे जोड़ों में हुआ करता है, जोड़ों में चटखने की आवाजं होती है। इसके संधिवात की विलक्षणता यह है कि जोड़ों के दर्द में ठंड से, ठंडे पानी से आराम मिलता है। जोड़ों के दर्द वाले हाथ-पांव को बर्फ के पानी में रखने से दर्द में बहुत राहत मिलती है।

कैल्केरिया कार्ब 200 — कलाई सूज जाए, उंगलियों के जोड़ सूज जाएं और हाथ में पसीना आए, तब यह औषधि दें।

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