प्रसव के बाद मैला पानी न निकलने का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Treatment For Suppressed Lochia ]

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प्रसव के बाद तथा नारबेल निकल जाने के बाद आमतौर पर जरायु (गर्भाशय) से 10-12 दिन तक मैला पानी निकला करता है। पहले कुछ दिन इसमें रक्त होता है, उसके बाद पांचवें दिन यह पीला हो जाता है, फिर दुधैला-सफेद हो जाता है। साधारणतः यदि सब कुछ ठीक से चले तो किसी औषधि को देने की आवश्यकता नहीं होती, किंतु यदि यह बंद हो जाए, दब जाए या देर तक होता रहे या अत्यधिक रक्त-स्राव हो, तब औषधि देने की आवश्यकता पड़ती है।

एकोनाइट 30 — यदि मैला पानी रुक जाने से ज्चर हो जाए, त्वचा गरम और खुश्क हो; बेचैनी, परेशानी और चित्त उदास हो, तब यह औषधि उपयोगी है।

पल्सेटिला 30 — यदि ठंड लगने, सील जाने या मानसिक-उद्वेग के कारण मैला पानी न निकल पाए, सिरदर्द हो, पांव ठंडे हो जाएं, बार-बार मूत्र आए, तब यह औषधि लाभकारी है।

डल्केमारा 30 — यदि भीग जाने के कारण मैला पानी रुक जाए, तब यह औषधि उपयोगी है।

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