Pada Sanchalan Kriya, Cycle Chalaana, Dwichakrikasan Method and Benefits In Hindi
पाद संचालन क्रिया/साइकिल चलाना/द्विचक्रिकासन
विधि
शवासन में लेटें और कल्पना करें कि आप साइकिल चला रहे हैं।
- पहले एक पैर उठाएँ और साइकिल चलाने जैसा आगे-पीछे, ऊपर-नीचे करें। 10-15 बार सीधा पैडल एवं उतना ही उल्टा पैडल मारें।
- अब दूसरे पैर से पहले पैर की पुनरावृत्ति करें।
- अब दोनों पैरों को साइकिल पर बैठकर चलाने की क्रिया करें।
- अब दोनों पैरों को एक साथ जोड़े और साइकिल चलाने की क्रिया को दोहराएँ।
- हर बार 10-15 सीधे पैडल और फिर उल्टे पैडल घुमाएँ।
श्वासक्रम: पैरों को लंबवत् करते समय श्वास लें एवं घुटने मोड़ते समय श्वास छोड़ें।
लाभ
- उदर-प्रदेश को लाभ होता है।
- टखने, पिंडली, घुटने, जाँघ, नितंब व कमर इन सभी अंगों को लाभ मिलता है।
- जोड़ों को खोलकर मांसपेशियों को सुचारु करता है।
- अपानवायु का निष्कासन करता है।
- मोटापे को कम करने में सहायक है।
नोट
- थकान होने पर आराम करें।
- अनुकूलतानुसार करें।
- पैरों को जितना पीछे ला सकते हैं उतना पीछे की तरफ़ लाएँ।
- हाथों को भी पैरों की ही तरह आगे-पीछे व ऊपर-नीचे चला सकते हैं।
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