Pran Mudra Method and Benefits In Hindi

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प्राण मुद्रा

यह मुद्रा वास्तव में प्राणदायिनी है क्योंकि इस मुद्रा के अभ्यास से सारे शरीर में एक प्रकार की ऊर्जा का संचार होने लगता है। कमज़ोर से कमज़ोर व्यक्ति भी इस मुद्रा के द्वारा शरीर में होने वाले विटामिन्स/प्रोटीन की कमियों को दूर कर स्वास्थ्य लाभ ले सकता है। नेत्र-विकार दूर कर सकता है जिस कारण चश्मे के नंबर कम हो जाते हैं या बिल्कुल हट जाते हैं।
प्राणोपासना में प्राण मुद्रा शरीर के सभी संस्थानों को सुचारू रूप से कार्य करने में सहायता करती है। चित्रानुसार कनिष्ठा और अनामिका अँगुली के अग्रभाग से अँगुष्ठ के अग्रभाग को मिलाकर साधकगण इसका लाभ उठा सकते हैं।

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