Apaan Mudra (Mrit Sanjeevani Mudra) Method and Benefits In Hindi
अपान मुद्रा (मृत संजीवनी मुद्रा)
कहावत है कि पेट नरम और रक्त गरम होना चाहिए। यदि आपको क़ज़ है, मल-मूत्र पेट में सड़ रहा है तो आपको कई प्रकार की बीमारियाँ हो सकती हैं। यदि अपान मुद्रा का प्रयोग करें तो शरीर में वायु का प्रकोप नहीं रहेगा, शरीर सुंदर और निर्मल भी बनाया जा सकता है।
इस मुद्रा के प्रतिदिन अभ्यास करने से अपान वायु नियंत्रित होकर सम हो जाती है और इस वायु के निमित्त से होने वाले सभी कार्य ठीक से होने लगते हैं। दूषित वायु एवं मलावरोध इस मुद्रा के द्वारा सुचारु रूप से होने लगते हैं।
चित्रानुसार इस मुद्रा को बनाएँ और इस मुद्रा का प्रयोग कम से कम 15 मिनट से 45 मिनट तक करें। अधिक लाभ के लिए अपान वायु मुद्रा के साथ प्राण मुद्रा का भी प्रयोग करें।
Comments are closed.