BELLIS PERENNIS Homeopathic Benefits and Side Effects In Hindi

5,318

बेलिस पेरेनिस (Bellis Per.)

(डेसी)

यह रक्त-नलिकाओं के रेशों पर कार्य करती है । तीव्र पेशी पीड़ा । लँगड़ापन जैसे मोच आयी हो । शिरा में रक्त-संचय होना जो यान्त्रिक कारणों (चोट से) हो । गहराई में स्थित तन्तुओं की चोट में, और बड़ी चीरफाड़ के बाद आये उपद्रवों में उपयोगी है । स्नायु में चोट का असर, तेज दर्द और ठंडे पानी से नहाना असह्य । गठिया के बाद अंगों में कमजोरी । पेडू के अंगों में चोट, अधिक हस्तमैथुन का असर हटाने के लिए इस औषधि की आवश्यकता होती है । मोच और कुचले जाने की बहुत अच्छी औषधि है । ठंडी चीज खाने या पीने से आए रोग जबकि शरीर गरम हो, और ठंडी हवा से रोग होना । जन्म दाग पर बाहरी प्रयोग । मुँहासे, शरीर पर फुन्सियाँ, पेडू प्रदेश में कुचले जाने जैसा मालूम होना । रक्तस्राव, रक्तरोध, सूजन सभी इस औषधि के क्षेत्र में आते हैं । वातरोग लक्षण । रक्तस्राव को दूषित नहीं करती । ‘यह वृद्ध श्रमिकों खासकर मालियों के लिए उत्तम दवा है । ‘ (बरनेट) ।

सिर — वृद्ध लोगों के सिर में चक्कर । सिर की जड़ से सिर के ऊपर तक दर्द । माथा सिकुड़ा मालूम दे । कुचल जाने जैसी पीड़ा । सिर की खाल की चारों तरफ और पीठ पर खुजली, गरम पानी से नहाने से, बिस्तर की गरमी से कम न हो ।

स्त्री — स्तन और गर्भाशय भरे मालूम हों । गर्भावस्था में नसों का फूलना । गर्भावस्था में चल-फिर न सके । उदर पेशियों में निर्बलपन । गर्भाशय चोटीला मानी दबोचा जा रहा है ।

नींद — बहुत तड़के जाग जाना और फिर नींद न आना ।

उदर — उदर की दीवार और गर्भाशय का दर्दीलापन । तिल्ली में चिलकन, कष्ट बढ़ना । पीला, बिना दर्द का अतिसार, मल दुर्गन्धित, रात में अधिक हो । उदर फूला हुआ । गड़गड़ाहट ।

चर्म — फोड़िया । काला दाग, सूजन, छूना असह्य । चोट लगने से शिरा-रक्त संचय होना । नसों का फूलना, चोटीला दर्द के साथ, स्राव और सूजन, मुँहासे ।

अंग — जोड़ कष्टदायक, पेशी पीड़ा । कलाई सिकुड़ी हो जैसे लचकदार फीता उसके जोड़ पर कसकर बँधा हो, बहुत दर्द वाली मोच ।

सम्बन्ध — तुलना कीजिए: आर्निका, आर्सेनिक, स्टैफिसे. । हैमामेलिस, ब्रायोनिया, बैनेडियम (अपकर्ष) ।

घटना-बढ़ना — बढ़ना : बायीं तरफ, गरम स्नान और बिस्तर की गरमी, आँधी से पहले, ठण्डी हवा से ।

मात्रा — अरिष्ट से 3 शक्ति तक ।

Comments are closed.