ब्रूसीलोसिस ( माल्टा ज्वर ) होम्योपैथिक इलाज [ Brucellosis Homeopathic Treatment ]

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भूमध्य सागर के किनारे के देशों में, विशेषकर माल्टा द्वीप में ही यह रोग अधिकतर होता दिखाई देता है, संभवत: इसी कारण इसका नाम ‘माल्टा-ज्वर’ पड़ा है। यह एक प्रकार के जीवाणु द्वारा उत्पन्न होता है, जिसे ‘Micrococcus Melitensis‘ कहते हैं। भले-चंगे शरीर में प्रविष्ट होकर यह ज्वर-रोग की उत्पत्ति कर देता है। एक सप्ताह तक यह ज्वर शरीर के भीतर अंकुरावस्था में छिपा रहने के बाद एकाएक उजागर हो जाता है और महीनों रोगी को अपने चपेट में जकड़े रहता है। इस रोग में ज्वर के साथ कब्ज रहता है, शरीर में रक्त की कमी हो जाती है, शरीर के जोड़ों में दर्द रहता हैं और शरीर में सुस्ती छाई रहती है।

ब्रायोनिया 3x, 30 – इस औषधि का प्रयोग रोग की प्रथम अवस्था में करना चाहिए।

बैप्टीशिया Q, 3x और आर्सेनिक 3x, 6 – जब विशेषकर तीव्र-ज्वर, वात या कब्ज की प्रधानता रहती है।

इसके पश्चात आर्स-आयोड 3x (विचूर्ण), मर्क, नैट्रम म्यूर 30, सियानोथस 1x, फेरम फॉस 3, फास्फोरस 3, लाइकोपोडियम 6, सिपिया 30, सिमिसिफ्यूगा और रस-टॉक्स 3x आदि औषधियां लक्षण के अनुसार देने की आवश्यकता पड़ सकती है।

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