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Mudra
Kaki Mudra Method and Benefits In Hindi
काकी मुद्रा
काकचन्चुवदास्येन पिवेद्वायं शनैः शनैः।
काकी मुद्रा भवेदेषा सर्वरोग विनाशनी॥
काकी मुद्रा परा मुद्रा सर्वतन्त्रेषुगोपिता।
अस्याः प्रसादमात्रेण काकवन्नीरुजो भवेत्॥ (घे.सं. 86-87)
अर्थ: कौवे की चोंच के समान मुख बनाकर धीरे-धीरे वायु…
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Pashinee Mudra Method and Benefits In Hindi
पाशिनी मुद्रा
कण्ठपृष्ठे क्षिपेत्पादौ पाशवद् दृढ़बन्धनम्।
सा एव पाशिनी मुद्रा शक्ति प्रबोधकारिणी॥
पाशिनी महती मुद्रा वय:पुष्टि विधायिनी।
साधनीया प्रयत्नेन साधकैः सिद्धिकांक्षिभिः॥ (घे.सं. 3/84-85)
विधि
दोनों पैरों को उठाकर गले के पीछे से…
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Ashwini Mudra Method and Benefits In Hindi
अश्विनी मुद्रा
आकुंचयेद् गुदाद्वारे प्रकाशयेत् पुनः पुनः।
सा भवेदश्विनी मुद्रा शक्ति प्रबोधकारिणी।।
आश्विनी परमा मुद्रा गुह्यरोग विनाशनीं।
बलपुष्टिकरी चैव अकालमरणं हरेत् ॥ (घे.सं. 3/82-83)
विधि
सुखासन में तनाव रहित बैठिए। नेत्रों को बंद…
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Shambhavi Mudra Method and Benefits In Hindi
शाम्भवी मुद्रा
विधि
भ्रूमध्य में दृष्टि को स्थिर करके ध्यान पूर्वक परम आत्मा का चिंतन करें। यही शाम्भवी मुद्रा है।
सुखासन में बैठ जाएँ। मेरुदण्ड, ग्रीवा एवं सिर एक सीध में रखें। हाथों को एक-दूसरे के ऊपर रख लें या घुटनों पर रखकर ज्ञान…
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Manduki Mudra Method and Benefits In Hindi
माण्डुकी मुद्रा
मुखं संमुदितं कृत्वा जिह्वामूलं प्रचालयेत्।
शनैर्ग्रसेदमृतं तां माण्डुकीं मुद्रिकां विदुः॥
वलितंपलितं नैव जायते नित्य यौवनम्।
न केशे जायते पाको यः कुर्यान्नित्यमाण्डुकीम्॥ (घे.सं. 3/74-75)
विधि
मुख को बंद कर जीभ को तालू में…
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Tadagi Mudra Method and Benefits In Hindi
ताड़ागी मुद्रा
उदरंपश्चिमोत्तानं कृत्वा च ताड़ागाकृतिः।
ताड़ागी सा परा मुद्रा जरा मृत्यु विनाशनी॥ (घे.सं. 3/73)
अर्थ: पश्चिमोत्तानासन लगाकर बैठे और उदर को इस प्रकार फुलाएँ मानो पेट के भीतर पानी भरा हो; यही ताड़ागी मुद्रा है। इससे…
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Shaktichalini Mudra Method and Benefits In Hindi
शक्तिचालिनी मुद्रा
विधि
घेरण्ड संहिता के अनुसार मूलाधार में जो कुण्डलिनी साढ़े तीन लपेटे कुण्डली मारकर सो रही है, जब तक यह सुप्त अवस्था में है तब तक जीव अज्ञानी ही रहता है। अतः सम्यक् ज्ञान प्राप्ति तक इसको जगाने का अभ्यास करना चाहिए। जैसे…
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Yoni Mudra, Shanmukhi Mudra Method and Benefits In Hindi
योनि मुद्रा/षण्मुखी मुद्रा
विधि
सुखासन में बैठ जाइए। दोनों हाथ अपने चेहरे पर इस प्रकार रखिए कि अँगूठे द्वारा कान के छिद्र, तर्जनियों द्वारा दोनों आँखें, मध्यमा द्वारा नासिका रंध्र और अनामिका व कनिष्ठा द्वारा होठ के ऊपर आसानी से रखते बन जाए।…
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Vajroli Mudra Method and Benefits In Hindi
वज्रोली मुद्रा
विधि
रबर की एक विशेष नली जिसे केथेटर कहते हैं, वह 4-5 नम्बर की डेढ़ फीट के करीब लें। यह नली मूत्र नलिका में प्रवेश कराई जाती है। उस रबर की नली के अग्रभाग में चार-पाँच इंच तक शुद्ध घी या बादाम का तेल लगाकर धीरे-धीरे मूत्र…
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Viparita Karani Mudra Method and Benefits In Hindi
विपरीतकरणी मुद्रा
विधि
घेरण्ड संहिता के अनुसार नाभि के मूल में सूर्य नाड़ी है और मुख के तालुओं की जड़ में चंद्र नाड़ी है। जब नीचे से सूर्य नाड़ी अपने तेज से शरीर में स्थित अमृत का पान कर लेती है तब मनुष्य की मृत्यु होती है। इसलिए सूर्य को…
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