Gatime Dolasan Method and Benefits In Hindi
गतिमय दोलासन
विधि
त्रिलोकासन की अवस्था खड़े हो जाएँ अर्थात् दोनों पैरों के बीच में लगभग 3 फिट का अंतर बनाकर खड़े हो जाएँ। अब दोनों हाथों को कानों से स्पर्श कराते हुए ऊपर की तरफ़ तान दें एवं हाथों की अंगुलियाँ आपस में मिला लें या खुली रखें, अब समकोण की आकृति बनाते हुए शरीर के ऊपरी भाग को नीचे की तरफ़ झुकाएँ एवं ढीला छोड़ दें एवं झूले की तरह झुलाएँ। वापस समकोण की स्थिति निर्मित करते हुए मूल अवस्था में वापस आ जाएँ।
श्वासक्रम/समय: कम से कम 4 से 5 बार अपने शरीर को अंतिम अवस्था में पैरों के बीच झुलाएँ एवं शरीर को नीचे लाते समय मुँह से फेफड़ों की पूरी वायु को निकाल दें। मूल अवस्था में लौटते समय श्वास लें।
लाभ
- फेफेड़े पुष्ट होते हैं। उनके क्रमशः समस्त विकार निकल जाते हैं, उनमें ऑक्सीजन ग्रहण करने की क्षमता बढ़ती है।
- घुटनों के पृष्ठ भाग की नसों में और पीठ पर खिंचाव उत्पन्न होता है जिससे रक्त संचार उचित रूप से होता है।
- चेहरे में और सिर में रक्त की मात्रा पूर्ण रूप से पहुँचने के कारण कई प्रकार के विकार स्वतः समाप्त हो जाते हैं।
सावधानी: हाईब्लड प्रेशर, चक्कर आना, कमर एवं पीठ दर्द वाले इस आसन को न करें।
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