आवाज बैठ जाए का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Aphonia ]

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ठंडक या गर्मी के कारण, एलर्जी के कारण हलक फाड़-फाड़कर बोलने, गाने या चिल्लाने के कारण से भी आवाज बैठ जाती है। कभी-कभी धूप या गर्मी अधिक खाने या पेशियों के पक्षाघात के कारण भी ऐसा हो जाता है।

आयोडम 3 — बहुत ज्यादा कमजोरी और मानसिक क्षीणता के कारण यदि आवाज बैठ जाए, तो यह औषध दिन में तीन बार देने से लाभ होता है।

एण्टिम क्रूड 3, 6 — गर्मी में बहुत ज्यादा गर्म खाना अथवा बहुत तेज धूप या गर्मी में चलना-फिरना इस रोग को आमंत्रण दे सकता है। आवाज खोलने के लिए इस औषधि का सेवन करना अत्यंत आवश्यक है।

आर्निका 30, 200 — यदि बहुत जोर-जोर से बोलने के कारण आवाज बैठ जाए, गले से आवाज ने निकले, तो यह औषध उपयोगी है।

इग्नेशिया 200 — गला रोगयुक्त होता है और इसके लक्षण हेतु कोई भी पदार्थ निगलते समय कांटा चुभने जैसा दर्द होता है और यह दर्द दाएं कान तक पहुंच जाता है। गला बैठ जाने में गले में ढेले जैसी अनुभूति होती है, जिसे निगला नहीं जा सकता, गला घुटता-सा प्रतीत होता है।

बैराइटी कार्ब 30 — जब गले का रोग पुराना पड़ जाए, तब इस औषधि का प्रयोग करना लाभदायक रहता है।

ऑग्जैलिक एसिड 6, 30 — यदि बोलने की पेशियों के पक्षाघात के कारण आवाज बैठ जाए, उस समय इसका प्रयोग करना चाहिए।

कॉस्टिकम 30 — प्रयास करने पर भी गले से किसी प्रकार की आवाज न निकले, गले में दुखन हो, गला बैठ जाए, गला घुटता-सा प्रतीत हो, ठंडा पानी पीने से राहत मिले, तब इसकी आवश्यकता पड़ती है।

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