त्वचा पर रगड़ लगना या नील लगाना या कुचलन का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Bruises ]

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यदि त्वचा पर चोट या रगड़ लग गई हो या कट गई हो, तो निम्नलिखित औषधियों का प्रयोग करना चाहिए; इनसे अतिशीघ्र लाभ हो जाता है, दर्द आदि का भी शमन होता है। यदि घाव हो, तो वह भी भर जाता है।

हैमेमेलिस लोशन — यदि त्वचा पर चोट लग गई है और उस स्थान की त्वचा छिल या कट गई है, तो इस औषधि की 30 शक्ति की 10 बूंद 1 औंस पानी में डालकर लोशन बनाएं और उसमें फुरेरी भिगोकर चोट वाले स्थान पर अच्छी तरह लगाएं।

हाइपेरिकम ३ — उंगली, नाखून, अंगूठा और रीढ़ आदि पर जहां स्नायु-तंतु अधिक हैं, वहां चोट लगे या रगड़ लग जाए, तो इस औषधि को सेवन कराना चाहिए। इसके साथ ही इसके टिंक्चर को सम-भाग स्प्रिट या डिस्टिल्ड-वाटर में डालकर लोशन तैयार करें और इसे चोट वाले स्थान पर लगाएं अथवा रुई को भिगोकर रोगी स्थान पर रखकर पट्टी बांध दें।

आर्निका 3 — यदि शरीर की किसी त्वचा पर रगड़ लग जाए, तो इस औषधि के सेवन के साथ उस स्थान पर आर्निका-लोशन लगाना चाहिए। लोशन तैयार करने के लिए 1 औंस पानी में 5-6 बूंद आर्निका-टिंक्चर डालना चाहिए। यदि चोट वाली जगह की त्वचा कट गई है, तो उस पर भी यह लोशन लगाना चाहिए।

रुटा 3 — यदि चोट लगने से हड्डी पर चोट की रगड़ आ गई है, तो हर घंटे के बाद इस औषधि की 1 मात्रा सेवन करानी चाहिए, साथ ही रूटा-टिंक्चर की 10 बूंद 1 औंस पानी में डालकर लोशन बनाएं और उस जगह पर अच्छी तरह से लगा दें।

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