स्वाद न आने का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Loss of Taste ]

1,948

भोजन में स्वाद का न होना (या स्वाद न आना), बहुत अल्प मात्रा में स्वाद का अनुभव होना अथवा स्वाद के अन्याय विचित्र लक्षण प्रकट होने पर निम्नलिखित औषधियों का उपयोग अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है।

मर्क कोर 6 — कड़वा, विचित्र, झाग का-सा, अजीब-सा धातु जैसा स्वाद भोजन में आए, तो इसकी 6 शक्ति का प्रयोग करें या कराएं।

मर्क सोल 6 — नमकीन स्वाद; कुछ मीठा-सा; रोटी भी खाने में कुछ मीठी-सी प्रतीत होती है, कभी-कभी भोजन में गिद्ध के सड़े हुए अंडे जैसा स्वाद आता है, जिससे जी बहुत खराब हो जाता है।

ऐस्कुलस 3 — मुंह का स्वाद बड़ा विचित्र तांबे का-सा; एकदम धातु की तरह का स्वाद।

सल्फर 30 — तीव्र; कसैला; कड़वा; लेई का-सा स्वाद; पित्त का-सा स्वाद; धातु जैसा स्वाद, रक्त की तरह अथवा जामुन के सिरके की तरह का-सा स्वाद।।

कैल्केरिया कार्ब 30 — खट्टा और बदबूदार स्वाद।।

नक्सवोमिका 30 — मुंह से बुरी गंध आती है; मुंह का स्वाद खट्टा या कड़वा होता है। सवेरे मुंह में बदस्वादी, खाना-पीना बेस्वाद या खट्टा-सा लगता है।

रिउम 3, 6 — सवेरे सोकर उठने पर मुंह का स्वाद बहुत ही बुरा होता है।

हाइड्रस्टिस 30 — सुबह के समय मुंह का स्वाद बहुत बिगड़ा हुआ होना।

चायना 30 — कड़वा, कसैला, खट्टा-सा स्वाद।।

लाइकोपोडियम 30 — खट्टा स्वाद; कुछ भी खाया-पिया जाए, सब खट्टा ही लगता है।

पल्सेटिला 30 — झागदार; पित्त-प्रकृति का, घृणास्पद स्वाद।

बोरैक्स 3 — फीका-फीका, बेस्वाद।

अर्जेन्टम नाइट्रिकम 6 — मिट्टी का-सा स्वाद, भोजन निगला न जा सके।

आर्निका 3 या ऑरम म्यूर 3x — सड़ांध जैसा स्वाद, मुंह से सड़ी हुई बू आती है।

चेलिडोनियम 3 — खार पीते समय तो मुंह का स्वाद बड़ा अच्छा रहता है, किंतु जब खाया-पिया नहीं जा रहा होता है, तब मुंह का स्वाद कड़वा प्रतीत होता है। कभी-कभी रक्त का-सा मीठा स्वाद होता है।

एलूमिना 3 — हर समय मुंह में रक्त का-स्म स्वाद रहना।

नाइट्रिक एसिड 6 — खाते-पीते समय तों कौक रहता है, किन्तु खांसते समय रक्त का-सा स्वाद होता है।

Comments are closed.