नाक की समस्या का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Nose Disorders ]
नाक पर फुसियां हो जाना, धब्बे पड़ जाना, आगे से नाक का लाल हो जाना अथवा नाक में दर्द आदि का होना, ये सब नाक की समस्याएं हैं, समय रहते जिनको दूर कर लेना अत्यंत आवश्यक है।
पेट्रोलियम 3 — यदि नाक पर छोटे-छोटे छाले हो गए हों, तो इस औषधि का प्रयोग करने से वह ठीक हो जाते हैं।
कैलि ब्रोम 3x — यदि पेट्रोलियम से लाभ न हो, तो इस औषधि से निश्चित लाभ हो जाता है। यह 3x शक्ति में देनी चाहिए।
अमोनिया कार्ब 3 — नाक की नोंक पर फेंसियां होने पर 1-1 घंटे के अंतर से यह औषधि।
बोरेक्स 3 — यदि नाक के ऊपर या भीतर फोड़ा हो गया हो, तो 4-4 घंटे के अंतराल पर यह औषधि दें।
सल्फर 30, 200 — यदि नाक पर काले और भूरे दाग हो गए हैं, तो सल्फर 30 या 200 देनी चाहिए।
एपिस 3x — नाक का लाल हो जाना; भोजन के बाद वह अधिक लाल हो जाए, तो 3x की शक्ति में हरेक 4 घंटे के बाद दें। जवान लड़कियों की नाक लाल हो जाने के लक्षण में बोरैक्स 3 प्रति 4 घंटे में दें। यदि लाली बहुत अधिक हो, तो कैप्सिकम 3 को 4-4 घंटे में दें।
बेलाडोना 30 — नाक के नथुने सूज जाने के कष्ट में बेलाडोना 30; कुछ पुराने कष्ट में सल्फर 30; अधिक जीर्ण रोग में ऑरम म्यूर 3x; घातक रोग में फ्लोरिक एसिड 6 दो बूंद प्रति 4 घंटे में दें।
कैलि बाईक्राम 30 — नाक की जड़ में भारीपन या दर्द हो, तो इससे लाभ होगा। यदि नाक की जड़ में केवल दर्द हो, तो कैप्सिकम 6 लाभप्रद है।
ग्रैफाइटिस 6 — यदि नाक दुखती हो, तो यह उपयोगी है। यदि दुखन के साथ नाक पर छाले पड़ जाएं, तो कैलि बाईक्रोम 3x (1 ग्रेन प्रति 4 घंटे) दें।
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