पैरों में दर्द होने का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Pain in the Legs ]

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गुआएकम 6 — यह औषधि पैरों के दर्द में उपयोगी है। यह पिंडलियों के दर्द, कमरदर्द तथा गृध्रसी (शियाटिका) में भी लाभप्रद है। कभी-कभी गिट्टे से दर्द उठकर टांग की ओर जाता है, जिस कारण रोगी लंगड़ाकर चलता है। यह सभी प्रकार की वात-व्याधि में उपयोगी है।

डायोस्कोरिया (मूल-अर्क) 3 — रोगी दर्द से पीड़ित होता है। कभी कमर में दर्द होता है, तो कभी पैरों में होता है। रोगी लंगड़ाकर चलने को विवश हो जाता है। जब जोड़ों में दर्द होता है, तो जोड़ कड़े पड़ जाते हैं, दर्द जांघ से चलकर नीचे को जाता है; दाएं भाग में विशेष कष्ट की अनुभूति होती है। हरकत करने से दर्द की वृद्धि होती है। शियाटिका में भी यह औषधि बहुत अच्छा काम करती हैं।

बैडियागा 6 — रोगी की मांसपेशियां दर्द करती हैं, घुटने के नीचे की लंबी हड्डी में दर्द होता है; पैरों में भी बहुत दर्द होता है। प्रायः सभी प्रकार के दर्दो में यह औषधि उपयोगी है।

कार्बो ऐनीमैलिस 30 — टांग की पिंडलियों की पेशियां सिकुड़ती-सी प्रतीत होती हैं, उनमें बेहद दर्द होता है। कूल्हे की हड्डी के जोड़ तथा टांग के सामने वाली हड्डी में भी दर्द होता है, साथ ही रीढ़ की हड्डी भी दर्द से पीड़ित होती है। सभी तरह के दर्द में यह उपयोगी है।

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