दर्द नाशक का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Pain Killer ]

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दर्द कोई स्वतंत्र रोग नहीं है, बल्कि यह दूसरे रोगों का कारण मात्र है। पेट की खराबी, कब्ज, मानसिक-अवसाद, खिन्नता अथवा किसी प्रकार की चोट आदि के लगने से भी प्रायः दर्द हो जाया करता है। स्वास्थ्य के बिगड़ जाने के कारण भी शरीर में कहीं न कहीं दर्द होने लगता है। अधिक सोच-विचार भी इसका कारण हो सकता है। जलन आदि से भी दर्द होना संभव है।

ऐगारिकस 30 — मांस-पेशियों में अकड़न के साथ दर्द हो। यह दर्द हरकत करने से कम हो जाता है, किंतु आराम करने से बढ़ जाता है। इस तरह के दर्द में यह औषधि बहुत लाभ करती है।

प्लैटिना 6 — शरीर में दर्द अकस्मात होता है और तुरंत चला भी जाता है।

आर्निका 30 — गुम चोट लग जाने से होने वाले तेज दर्द में उपयोगी है।

आर्सेनिक 30, क्यूप्रम 30 — यदि जलन के साथ या ऐंठन के साथ दर्द हो, तो दोनों में से किसी भी एक औषधि का प्रयोग करें।

बेलाडोना 30 — यदि दर्द के साथ टपकन भी हो, तो इसे देने से लाभ होता है।

कोलोसिंथ 30 — दर्द आता तो एकदम से है, किंतु जाता धीरे-धीरे से है।

बेनजोइक एसिड 6 — यदि दर्द अपना स्थान बदलता रहे, तब दें।

हाइपेरिकम 3 — यदि दर्द नर्व पर चोट लग जाने के कारण से हो या रीढ़ पर चोट आ जाने के कारण से दर्द हो; इसके लिए औषधि सेवन करना और दर्द वाले स्थान पर लगाना लाभकारी है। स्नायु-मार्ग पर दर्द चल पड़े, तब भी इससे लाभ होता है।

लीडम 30 — स्नायु की चोट के कारण दर्द होने पर दें।

काफिया 200 — जबड़े या दांत में दर्द हो, जो ठंडे पानी से घट जाए।

रूटा 6 — घुटने आदि की हड्डी पर चोट लगने से होने वाले दर्द में यह उपयोगी औषधि है।

स्टैफिसैग्रिया 30 — छुरी-चाकू से घाव हो जाने पर दर्द हो, तब दें।

ऑरम मेट 30 — हड्डियों के दर्द में लाभकारी है।

सिम्फाइटर्म (मूल-अर्क) 3 — यदि आंख की पुतली अथवा पलकों में दर्द हो, तब उपयोगी है।

स्पाइजेलिया 30 — सिर के बाईं ओर दर्द होने में लाभ करती है।

युपेटोरियम पर्फ 3 — ज्वर आदि में शरीर-दर्द हो जाए, तो दें। यदि शरीर में छोटे-छोटे स्थानों में दर्द हो जाए, तो कैलि बाईक्रोम 30 का प्रयोग करना चाहिए।

कैलमिया 6 — हृदय के दर्द में उपयोगी है।

चेलिडोनियम 3 — दाएं कंधे के अस्थि-फलक के नीचे के कोने में दर्द हो।

पल्सेटिला 30 — यह औषधि चेहरे के दाईं तरफ के दर्द में देनी चाहिए।

डायोस्कोरिया 3 — यकृत से तेज दर्द उठकर ऊपर दाएं स्तन की ओर जाता है। इसमें यह लाभ पहुंचाती है।

सियेनोथस अमेरिकेनस 1 — पेट में तिल्ली के आसपास दर्द होने पर दें।

ऐक्टिया रेसिमोसा 3 — स्त्रियों के स्तनों के नीचे बाईं तरफ दर्द हो।

औग्जैलिक एसिड 6 — यदि दर्द फेफड़ों के नीचे से उठकर पेट तक चला जाए।

रस-टॉक्स 30 — सर्दी लग जाने की वजह से दर्द हो जाने पर सेवन करें।

ब्रायोनिया 30 — दर्द इतना अधिक की जरा-सी हरकत करने से तीव्र हो जाए।

कैलि बाईक्रोम 6, 30 — ऐसा दर्द जो जल्दी-जल्दी चलता-फिरता है, हड्डियों में दर्द उठता है और इधर-उधर पीड़ा पहुंचाता रहता है, किंतु शरीर को हरकत देने से घटता है।

लैकेसिस 30 — यदि रात को लेटने के बाद दर्द बढ़ जाए।

प्लम्बम मेट 3, 30 — जो लोग हाथों का अधिक उपयोग करते हैं, जो कंप्यूटर पर अधिक कार्य करते हैं या जिनका कार्य लेखन का है अथवा कंपोजिंग का काम करते हैं, उनके लिए यह उपयोगी है।

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