पसलियों के बीच पेशियों में दर्द का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Pleurodynia ]

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छाती की मांस-पेशियों में, पसलियों के बीच दर्द आदि की शिकायत में निम्न औषधियां देनी चाहिए

चेलिडोनियम 1 — यदि छाती में पसलियों के बीच दर्द हो, तो इससे दर्द दूर हो जाता है और रोगी को राहत मिल जाती है।

कैलि कार्ब 30 — श्वास लेने पर पसलियों में दर्द हो, समूची छाती में सुई चुभने जैसा दर्द हो और यह दर्द रात में बिस्तर में लेटने के बाद बढ़ जाता हो, तब इस औषधि से लाभ हो जाता है।

आर्सेनिक 30 — यदि कैलि कार्ब से लाभ न हो, तो इस औषधि का प्रयोग किया जाना चाहिए।

ऐसक्लेपियास ट्यूबेरोसा 1 — पसलियों के बीच के स्थान जो वक्षास्थि के समीप हैं, दुखते हैं; आगे की तरफ झुकने से छाती के दर्द में कमी आती है। छाती में दाई तरफ के दर्द के बाद यह औषधि देनी चाहिए। इस औषधि का छाती की मांस-पेशी पर विशेष प्रभाव पड़ता है।

एकोनाइट 30 — सर्दी लग जाने से ज्वर का होना, बेचैनी, पसलियों की पेशी के बीच हरकत से दर्द आरंभ होने में यह औषधि दी जा सकती है। यह एक दिन में 3 से 4 बार देनी चाहिए।

रैननक्युलस बल्बोसस 3, 30 — पसलियों के बीच की पेशियों में वात-व्याधि से दर्द, छाती में चाकू से काटने जैसा दर्द, श्वास लेने, चलने-फिरने और हरकत करने से दर्द बढ़ जाता है। स्कंधास्थियों के नीचे के भाग में भी दर्द को अनुभव होता है। वक्षास्थि; पसलियों और पसलियों के बीच का स्थान तथा छाती की दोनों तरफ की पसलियों के नीचे के स्थान में भी दर्द हो, तो यह औषधि बहुत लाभदायक सिद्ध होती है।

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