आध्मान (पेट फूलने के साथ गड़गड़ाहट होना) का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Rumbling (Borborygmus) ]

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आंतों में वायु की गड़गड़ाहट को “आध्मान” कहते हैं। यह रोग पेट के विकारों से संबंधित है।

कोलोसिंथ 6, 30 — यदि रोगी को पेट-दर्द हो, आंतों में कहीं वायु फंसी हो, तब नाभि-प्रदेश से दर्द उठकर सारे पेट में फैल जाता है। वायु के कारण आंतों में ऐसा दर्द होता है मानो पत्थरों के बीच आंतों को मसला जा रहा हो और उसमें भरी वायु गड़गड़ करे, तब यह औषधि देने से लाभ होता है।

लाइकोपोडियम 30 — पेट का फूलना, कब्ज, पेट में वायु की गड़गड़ाहट हो, तब यह दें।

सिना 30, 200 — अंगों का फड़कना, आक्षेप पड़ जाना, अकस्मात चिल्ला पड़ना; यदि गड़गड़ाहट के साथ पेट में कृमि के लक्षण हों-नाक तथा गुदा को खुजलाना, दांत किटकिटाना, जोरों की भूख लगना आदि में यह औषधि देनी चाहिए और रोगी की अवस्था के अनुसार औषधि की शक्ति का निर्णय कर लेना चाहिए।

नक्सवोमिका 30 — आंतों में वायु की गड़गड़ाहट, पेट में यहां-वहां वायु भरी रहने के कारण दर्द; पेट की पेशियां पीछे की तरफ चिपक-सी जाती हैं, ऐसी अवस्था में यह औषधि लाभप्रद है।

जैट्रोफा 3, 20 — आंतों में जोरों की आवाज, जैसे घड़े में से जल निकालते समय होती है; ऐसी आवाज के साथ दस्त होना, पेट में से गड़गड़ाने की आवाज आना, नाभि-प्रदेश में, नीचे आंतों में और नाभि से ऊपर दर्द होना-इन लक्षणों में यह औषधि उपयोगी है।

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