छींकें आने का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Sneezing ]

2,522

किसी भी कारण से व्यक्ति को छींकें आ सकती हैं। कभी-कभी सर्दी-गर्मी के कारण छींकें आने लगती हैं, किसी को बचपन से ही छींके आने का रोग होता है, तो किसी के छींके आने का कारण एलर्जी होता है। जुकाम आदि भी छींके आने की वजह हो सकता हैं। छींके आना किसी भी कारण से हो, निम्न औषधियां उनमें लाभ करती हैं

साइलीशिया 30 — छींक आने के पुराने रोग में इससे लाभ होता है।

कार्बोवेज 30 — छींक नाक में कहीं फंसी होना, छींकने की कोशिश करना, किंतु चाहने पर भी छींक न आना।

जेलसिमियम 3 — छींकों के साथ जुकाम। रोगी को तंद्रा आती है, मांसपेशियों में शिथिलता हो जाती है; शरीर में शीतलता चढ़ती और उतरती रहती है।

नक्सवोमिका 30 — खुश्क, ठंडी हवा से जुकाम होता है, नाक बंद हो जाती है; दिन में जुकाम का बहना और रात में सूख जाना, इसका विशेष लक्षण है, किंतु छींकों में इसका पहला स्थान है। नक्सवोमिका से इसमें लाभ होता है, क्योंकि यह इस रोग की मुख्य औषधि है।

नैट्रम म्यूर 6, 30 — जो रोगी सदा छींका करते है; बहता, पनीला पानी कभी बहे और कभी न बहे, सर्दी महसूस होती रहे, उनके लिए उपयोगी है।

एलियम सीपा 3 — ठंडे या गरम कमरे में दाखिल होते ही छींकने लगना। जुकाम में प्रचुर मात्रा में पसीना और बहुत लगने वाला, चिरमिराहट वाला स्राव निकलता है, आंखों में भी पानी उतर आता है, तब इससे लाभ होता है।

Comments are closed.