गरदन के अकड़ने का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Stiff Neck ]

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कभी-कभी किसी कारण से गरदन अकड़ जाती है। सर्दी-गर्मी के कारण भी ऐसा होता है और ऊंचा तकिया लगाने से भी ऐसा हो जाया करता है। गरदन का अकड़ना किसी भी कारण से हुआ हो, निम्न औषधियां इसमें लाभ करती हैं।

ब्रायोनिया 6, 30 — गरदन में अकड़न हो जाए; गरदन को हिलाने-डुलाने और स्पर्श करने से तेज दर्द हो, तब इसका प्रयोग करें।

एकोनाइट 30 — गरदन के पीछे के हिस्से में दर्द, गरदन हिलाने से दर्द बढ़ जाए; दर्द का गरदन से शुरू होकर कंधे तक फैल जाना। जब ठंड लगने से या ठंडी वायु के झोंके से गरदन अकड़ जाए, तब इसे दें।

चेलीडोनियम (मूल-अर्क) 1 — गरदन के दाहिनी ओर तीव्र अकड़न और दर्द होने पर उपयोग में लाएं। शीघ्र लाभ होगा।

सिमिसिफ्यूगा (ऐक्टिया रेसिमोसा) 3 — वात व्याधि-जनित पीड़ा होना; मेरुदंड को स्पर्श तक न किया जा सकना। सिर तथा गरदन का मुड़ जाना और गरदन तथा कमर की पेशियों का अकड़ जाना।

एण्टिम टार्ट 6 — सिर को पीछे की ओर मुड़कर, गरदन का खिंच जाना।

डलकेमारा 30 — ठंडक, सर्दी या सीलन से गरदन में ऐसा दर्द होना मानो अधिक समय से गरदन एक तरफ को बेदर्दी से पड़ी रही है और उसकी परवाह न की गई है।

लैकनैनटीज 3, 30 — सिर को एक तरफ को मुड़कर गरदन का अकड़ जाना। इस कष्ट में यह बड़ी उत्तम औषधि है।

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