घुमेरी या चक्कर का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Vertigo or Giddiness ]

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बैठी हुई हालत से लेटने पर या उठने पर घुमेरी का आना, वृद्ध लोगों को तंबाकू का अधिक सेवन करने के कारण घुमेरियां आना; किसी वस्तु को एकटक देखने पर वह वस्तु घूमती प्रतीत होना, जीना चढ़ते या उतरते हुए घुमेरी (सिर घूमना) आना। बिस्तर पर करवट बदलने से ही घुमेरी का आ जाना। शरीर में बेहद कमजोरी महसूस होना आदि लक्षण इस रोग में प्रकट होते हैं।

बेलाडोना 30 — रोगी को बिस्तर में करवट बदलने पर या लेटी हुई अवस्था से उठ बैठने पर घुमेरी आना, रोगी को परेशान होना, बेचैनी; इसमें यह औषधि लाभ करती है।

ग्रेनेटम 1x — यदि लगातार घुमेरियां आती रहें, तो यह औषधि दिन में 3 बार दें।।

कौक्कयुलस 3, 30 — नाभि के पीछे के स्नायु-मंडल तथा मेरुदंड के स्थान के स्नायुओं की उत्तेजना से सिर की गुद्दी में दर्द तथा घुमेरीं आना इसका लक्षण है। यह घुमेरी किसी वाहन में यात्रा करने, ऊंचाइयों में जाने या नीचे उतरने पर अधिक आती है। ऐसी घुमेरी में यह औषधि उपयोगी है। समुद्री यात्रा में घुमेरी के साथ वमन होता हो, तब भी इससे लाभ होता है।

थेरीडियन 30 — नेत्र बंद कर लेने पर घुमेरी या चक्कर आने में इसे व्यवहार करनी चाहिए।

ब्रायोनिया 30 — बिस्तर पर लेटे रहने के बाद उठने पर घुमेरी आने में यह लाभ करती है।

नक्सवोमिका 30 तथा सल्फर 30 — आमाशय में विकार होने से, अपचन या कब्ज होने में यदि घुमेरी आती हो, तो पहले नक्सवोमिका देनी चाहिए। उसके बाद सल्फर का प्रयोग करें। इससे घुमेरियों का आना थम जाता है।

फेरम मेट 30 — शरीर में रक्त की कमी की वजह से चक्कर आना। बैठे हुए या लेटे हुए से उठ खड़े होने पर या उतराई पर उतरते हुए चक्कर या घुमेरी के आने में यह औषधि बहुत उपयोगी है।

ऐम्ब्रा ग्रीसिया 3 — वृद्ध लोगों की घुमेरी में लाभप्रद है।

अर्जेन्टम नाइट्रिकम 3, 30 — सड़क पर चलते हुए घबराहट होती है कि कहीं कोई दुर्घटना न घट जाए; इस घबराहट से सिर चकरा जाता है। इसी प्रकार किसी दरिया या नदी के पानी को देखकर घबराहट होती है और घुमेरी आ जाती है, तब इस औषधि से लाभ होता है।

चायना 30 — दुर्बलता के कारण, अधिक रक्तस्राव के कारण अथवा अत्यधिक वीर्य-क्षय के कारण घुमेरी आती हो, तब इस औषधि का प्रयोग करना चाहिए। यह लाभकारी औषधि है।

कॉस्टिकम 30 — घुमेरी आने पर सामने गिरने या एक ओर के गिरने के से लक्षण हों अथवा पक्षाघात से पहले घुमेरियों के आने में इस औषधि के व्यवहार से अति लाभ होता है।

जेलसिमियम 6, 30 — साधारण घुमेरी या चक्कर आने में यह औषधि उपयोगी है।

फास्फोरस 30 — स्नायविक घुमेरी में यह औषधि लाभप्रद है। ऐसी घुमेरी स्नायविक दुर्बलता से, अति विषय-भोग करने से, अधिक वीर्य-क्षय से, खाली पेट होने से प्रातःकाल के समय अधिक आती है। किसी भी प्रकार की घुमेरी क्यों न हो, इस औषधि से लाभ होता है।

कैल्केरिया कार्ब 30 — ऊपर को देखने या ऊंचाई पर चढ़ने से चक्कर आ जाने में यह उपयोगी है।

बोरेक्स 3x, 6 — नीचे की गति से चक्कर आ जाने में यह अधिक उपयोगी है।

कोनीयम 30 — वृद्ध व्यक्तियों की घुमेरियों में इस औषधि से बहुत लाभ होता है।

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