रोगी में प्रतिक्रिया की कमी होने का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Treatment For Lack of Reaction ]

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कभी-कभी रोगी में प्रतिक्रिया करने का अभाव-सा हो जाता है, उसमें जीवनीशक्ति बहुत कमजोर पड़ जाती है, प्रतिक्रिया की शक्ति शेष नहीं रहती है, तब निम्न औषधियों से विशेष लाभ होता है।

ऐम्ब्रा ग्रीसिया 3 — जब स्नायु-प्रधान रोगी में प्रतिक्रिया का अभाव दिखे, तब इस औषधि का प्रयोग करना चाहिए। यदि इससे कोई लाभ होता दिखाई न दे, तो वेलेरियन देनी चाहिए, इससे निश्चित लाभ हो जाता है और प्रतिक्रिया व्यक्त करने की क्षमता आती है।

मर्क्युरियस 30 — यदि उपदंश के विष आदि के कारण प्रतिक्रिया न हो रही हो, तब यह औषधि लाभ करती है। इसे 30 शक्ति में प्रति 6 घंटे लेनी चाहिए।

कैप्सिकम 6 — यदि मांस-पेशियों के अभाव में प्रतिक्रिया का अभाव हो, तब यह औषधि दें।

लॉरोसिरेसस (मूल-अर्क) 3 — रोगी हृदय अथवा फेफड़े-रोग से शिथिल पड़ जाए, दुर्बल हो जाए, उसमें प्रतिक्रिया का अभाव हो, शरीर में गर्मी न रहे, शरीर पीला पड़ जाए, तब यह उपयोगी है। इस औषधि को नित्य तीन बार सेवन करना लाभकारी रहता है।

सोरिनम 200 — जब सोरा-विष के कारण रोगी प्रतिक्रिया न करे, तब यह औषधि देना आवश्यक हो जाता है।

ओपियम 30 — जो रोगी अर्ध-निद्रित मुच्छ में पहुंच जाएं. शरीर में किसी दर्द या पीड़ा का अनुभव न हो, उनमें प्रतिक्रिया का अभाव हो जाए, तब इस औषधि को देने से लाभ होता है।

कार्बोवेज 200 — रोगी के रोग का पता न चले और वह मरणासन स्थिति को पहुंच जाए, जीवन के प्रति उदासीन होने लगे। ऐसे रोगी के लिए यह रामबाण औषधि मानी जाती है।

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