जाल दृष्टि का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Treatment For Muscae Volitantes ]

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बहुत से लोगों को आंख के सामने मच्छर-सा उड़ता अथवा तैरता-सा दिखाई देता है। पहले तो रोगी समझता है कि वास्तव में आंखों के सामने कोई मच्छर उड़ रहा है। वह उसे हाथ से भगाने की कोशिश करता है, लेकिन बाद में उसे ज्ञात होता है कि कोई मच्छर इत्यादि नहीं है, बल्कि उसे आंखों का कोई रोग हो गया है।

इस तरह का रोग आमतौर पर कमजोरी की वजह से हुआ करता है। इसका दूसरा कारण आंख के कॉर्निया आदि माध्यमों से प्रकाश का विचलन भी हो सकता है, जिसके लिए नेत्र-चिकित्सक को आंख दिखलाना अत्यंत आवश्यक है। इस रोग का उपचार कठिन ही है। यदि कमजोरी आदि कारणों से यह रोग हो, तो निम्नलिखित औषधियों का प्रयोग करना चाहिए —

नक्सवोमिका 3 — यदि शराब की अधिकता के कारण यह रोग हुआ हो, तो हरेक 2 घंटे बाद यह औषधि देने से लाभ होता है।

फास्फोरस 3 — यदि अति विषय-भोग से अत्यधिक वीर्य-क्षय होने के कारण कमजोरी आ जाने के बाद यह रोग प्रकट हुआ हो, तो इस औषधि से लाभ हो सकता है।

चायना 3 — यदि किसी कठिन रोग के परिणामस्वरूप या सामान्य कमजोरी के कारण यह रोग उत्पन्न हुआ हो, तो इस औषधि के सेवन से कमजोरी दूर होने पर आराम हो जाता है। इसे हरेक 4 घंटे बाद दें।

नाइट्रिक एसिड 6 — यदि जिगर के रोग के कारण इस रोग की उत्पत्ति हुई हो, तो हरेक 4 घंटे के बाद यह औषधि दें। आंखों के आगे मच्छर से उड़ते दिखाई देने पर एसिड फॉस 30 से भी लाभ हो जाता है।

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