त्वचा के नीचे रक्त स्राव का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Treatment For Purpura ]

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चोट लगने, रगड़ लग जाने अथवा किसी रोग-विकार के कारण जब त्वचा के नीचे रक्त-स्राव होता है या रक्त इकट्ठा हो जाता है, तब ज्वर आदि कई शिकायतें हो जाती हैं। अग्रलिखित औषधियां इसमें बड़ी उपकारी होती हैं —

फास्फोरस 20, आर्निका 30 — यदि रोगी रक्त-स्रावी प्रकृति का हो और उसकी त्वचा पर कहीं रगड़ लग जाने से त्वचा के नीचे रक्त एकत्र हो जाए, जिस कारण दर्द आदि हो, तब यह औषधि उस विकार को नष्ट कर देती है और रोगी को राहत मिल जाती है।

हैमैमेलिस 6 — शरीर के किसी भी भाग में अक्रियाशील रक्त-स्राव होना इस औषधि का लक्षण है। यह रक्त लाल नहीं होता, क्योंकि यह धमनियों का न होकर शिराओं का होता है, अतः काले रंग का होता है। इस औषधि का शिराओं पर प्रभाव पड़ता है। शिराओं में रक्त-संचय होने पर यह औषधि उपयोगी है, इसलिए शिरा आदि शोथ में विशेष लाभ करती है।

मर्क सोल 30 — यदि किसी भी व्यक्ति के किसी भी कारण से त्वचा के नीचे रक्त इकट्ठा हो जाए और इससे उसे पीड़ा हो तथा यह पीड़ा रात्रि में बहुत बढ़ जाए; रोगी ज्वर से ग्रस्त हो जाए और सर्दी-गर्मी सहन न कर सके, तब इस औषधि से लाभ होता है।

एकोनाइट 6, 30 — त्वचा के नीचे रक्त एकत्र हो, रोगी को ज्वर भी हो और अंगों में दर्द हो; वात-व्याधि की अकड़न हो, तब यह औषधि उपयोगी सिद्ध होती है। और लाभ करती है।

आर्सेनिक 6, 30 — यदि रोगी की त्वचा के नीचे रक्त इकट्ठा हो जाने के कारण उसे दर्द हो और उसे ज्वर भी आ जाए, वह बेचैन और परेशान हो, तब अवस्था के अनुसार औषध-शक्ति का निर्णय कर उसे औषधि सेवन कराएं। यह दर्द और ज्वर में लाभ करती है।

रस वेनेनेटा 30 — यदि त्वचा के नीचे रक्त-संचय के कष्ट में असहनीय खुजली, बेचैनी, दुर्बलता, दुखन और अकड़न के साथ जोड़ों में दर्द हो, तब इस लाभकारी औषधि का प्रयोग करना चाहिए।

लैकेसिस 30 — रोगी का गला खुश्क हो, प्यास अधिक न हो, गले का बाहरी भाग छूने से दुखता हो, शारीरिक तथा मानसिक असमर्थता हो, पैर बर्फ जैसे ठंडे हों; त्वचा के नीचे से बहते रक्त-स्राव में यदि निद्रा के बाद ये सब लक्षण बढ़ जाएं, तब यह औषधि देने से लाभ होता है।

कैलि आयोडाइड 30 — रोगी को वात-व्याधि की शिकायत रह चुकी हो। शरीर से वह बहुत कमजोर हो; त्वचा के नीचे रक्त-स्राव के लक्षणों में शरीर के समूचे भाग में स्पर्श असहिष्णुता हो, तब इस औषधि से लाभ होता है।

क्रोटेलस 3 — रक्त-दूषण तथा रक्तस्राव होने पर उपयोगी है। 3 शक्ति में प्रति 2 घंटे दें।

एसिड फॉस 1X — त्वचा के नीचे रक्त-संचय होने पर तथा अत्यंत मानसिक कष्ट होने पर यह औषधि अत्यंत उपयोगी है।

मर्क विवस 6 — त्वचा के नीचे रक्त-स्राव होने के कारण शरीर की पेशियां ढीली-ढाली और पांव के गिट्टों में सूजन हो, तब इस औषधि को प्रति 2 घंटे देने से रोगी को आराम होता है।

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