Kati Vrittasan Kriya Method and Benefits In Hindi

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कटि वृत्तासन क्रिया

विधि

सीधे खड़े हो जाएँ। दोनों पैरों के बीच ज़्यादा अंतर न रखें (लगभग 8 से 12 इंच) । दोनों हाथ कमर पर रखें। अब कमर को गोल-गोल घुमाएँ। इसके लिए कमर को आगे झुकाएँ व दाईं तरफ़ से घुमाते हुए पीछे से बाईं तरफ़ ले आएँ, फिर सामने करें। इस प्रकार चारों तरफ़ कमर को घुमाते हुए वृत्त बनाएँ। कम से कम 40 से 50 बार दाएँ से बाएँ घुमाएँ और फिर वापस 40 से 50 बार विपरीत दिशा में घुमाएँ।
श्वासक्रम: आगे की तरफ़ कमर करते समय श्वास लें एवं पीछे की तरफ़ घुमाते समय श्वास छोड़ें।
नोट: कमर को जितना आगे-पीछे कर सकते हैं, करें।

लाभ

  • क़ब्ज़ का नाश करता है। पाचन क्रिया तीव्र करता है। गैस को बाहर करता है।
  • ज़्यादा से ज्यादा करने पर पेट की अतिरिक्त चर्बी दूर होती है।
  • कमर पतली एवं मज़बूत होती है।
  • महिलाओं के लिए भी लाभदायक है।

विशेष: कमर में हाथ रखने की स्थिति में अंगूठे को पेट की तरफ़ भी रख सकते हैं।

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