Mendak Kud Kriya Method and Benefits In Hindi

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मेंढक कूद क्रिया

विशेष: आज के दौर में व्यक्ति मशीनों के अधीन होता जा रहा है। इस वजह से शरीर में स्फूर्ति की कमी हो जाती है। परंतु ऊर्जादायक विशेष आसन एवं क्रियाएँ प्रसन्नता के साथ-साथ स्फूर्ति एवं ताज़गी भी बढ़ाती हैं।

विधि

जैसे मेंढक बैठता है, वैसे ही पंजों के बल उकडू बैठे (चित्र देखें) । घुटनों को फैलाएँ, हाथों की अंगुलियों को भी फैलाकर रखें। कुहनियाँ घुटनों से सटाकर रखें। अब पैरों और हाथों के पंजों पर दबाव डालें और मेंढक की तरह उछलकर आगे की ओर कूदें। दोबारा फिर आगे की ओर कूदें। इस प्रकार यह क्रिया 10 बार करें और वापस कूदते हुए अपने स्थान पर आएँ।
श्वासक्रम/समय: कूदते समय श्वास लेकर अंतकुंभक करें। ज़मीन पर आने पर श्वास छोड़े। इस प्रकार 20 से 40 बार मेंढक की तरह कूदें।

लाभ

  • पूरे शरीर में रक्त संचार तेज़ होता है। सभी नस-नाड़ियाँ खुल जाती हैं।
  • यह क्रिया प्रसन्नता देती है।
  • हाथ-पैरों की माँसपेशियाँ मज़बूत होती हैं।
  • फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है।
  • पाचन तंत्र मज़बूत होता है।

सावधानी: गर्भवती महिलाएँ या अधोभाग के ऑपरेशन वाले व्यक्ति न करें।

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