Tadasana Method and Benefits In Hindi

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ताड़ासन

विधि

पैरों को एक साथ मिलाकर सावधान (समावस्था) की स्थिति में खड़े हों परंतु अँगूठे और एड़ियाँ समानांतर ही रखें। अब पंजों पर ज़ोर देते हुए धीरे-धीरे ऊपर उठे एवं दोनों हाथों को मिलाकर ऊपर की तरफ़ तान दें। इस अवस्था में घुटने एवं जाँघों की माँसपेशियों को ऊपर खींचें या खुले रखें। पेट को यथासंभव अंदर करें। सीने को आगे करें। रीढ़ और गर्दन को सीधा रखें। शरीर का भार सिर्फ पंजों पर रखें। कुछ देर इसी अवस्था में रुकें। वापस आते समय श्वास छोड़ते हुए मूल स्थिति में पहुँचे।
श्वास: उठते समय श्वास लें और वापस आते समय श्वास छोड़ें।
समय: 5-6 बार करें। 2 से 4 मिनट तक करें।

लाभ

  • लंबाई बढ़ाने का सबसे अच्छा अभ्यास है।
  • शरीर को स्थिरता देता है।
  • माँसपेशियाँ मज़बूत करता है।
  • स्लिप डिस्क वाले यह आसन अवश्य करें।
  • स्त्रियों के लिए लाभकारी है। खासतौर से गर्भावस्था के शुरुआती महीनों में स्त्रियों के लिए विशेष लाभकारी (स्वस्थ संतान होती है) ।
  • शंख प्रक्षालन की क्रिया के लिए आवश्यक।

सावधानियाँ: दोनों पैरों के पंजों पर एक साथ वज़न देते हुए क्रिया करें एवं संतुलन पर ध्यान दें। इसके पश्चात् शीर्षासन से संबंधित कोई आसन करें।
नोट: पूर्ण आसन की स्थिति में ऊपर देखें एवं मानसिक रुप से यह विचार करें कि ऊपर कोई वस्तु रखी है और हम उसे पकड़ने वाले हैं। ऐसा करने से कई लाभ स्वतः प्राप्त हो जाते हैं।

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