Muladhara Chakra Method and Benefits In Hindi
मूलाधार चक्र
इसका मूल स्थान गुदा-द्वार से दो अंगुल ऊपर और लिंग-स्थान से दो अंगुल नीचे - चार अंगुल विस्तार का मूलाधार चक्र पेरिनियम में अवस्थित है। कई शास्त्रों में इस स्थान को कंद कहा है जहाँ कुण्डलिनी सर्पिणी की तरह साढ़े तीन आंटे (लपेटे)…
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