Tiryaka Tadasana, Urdhva Hastottanasana Method and Benefits In Hindi

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तिर्यक् ताड़ासन/ऊर्ध्व हस्तोत्तानासन

शाब्दिक अर्थ: तिर्यक् का मतलब ढालुआ, तिरछापन या आड़ापन। ताड़ एक वृक्ष है जो काफ़ी लंबाई लिए हुए होता है।

विधि

ताड़ासन में खड़े हो जाएँ। अब आपको एड़ी को उठाते हुए पंजों के बल खड़े होना है एवं कमर से ऊपर के भाग को दाएँ एवं बाएँ क्रमशः 10-10 बार झुकाना है। यदि पंजों के बल खड़े होने में परेशानी का अनुभव हो तो बगैर एड़ी उठाए ही अभ्यास करें।
श्वासक्रम: उठते समय श्वास लें। दाएँ मुड़ते समय श्वास छोड़ें। मूल स्थिति में आते समय श्वास लें। बाएँ मुड़ते समय श्वास छोड़े। मूल स्थिति में आते समय श्वास लें।

लाभ

  • ताड़ासन के सभी लाभ स्वतः प्राप्त हो जाते हैं।
  • शंख-प्रक्षालन क्रिया के लिए यह अभ्यास अति उत्तम है।
  • उदर-विकार का नाश होता है। शौच की कठिनता समाप्त होती है।
  • पेट की स्थूलता कम होती है। कमर पतली व लचीली बनती है।

नोट: कुछ योग शिक्षक इस आसन को पैरों की स्थिति बदलकर करवाते हैं।

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