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Chronic Diseases
पित्त बढ़ना (पित्त का आक्रमण) का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Bilious Attack ]
जब पित्त का आक्रमण होता है, तो तेज सिरदर्द होता है, दस्त आरंभ हो जाते हैं और अम्ल (एसिड) का वमन हो जाता है।
ब्रायोनिया 30 — पित्त का आक्रमण होने पर यकृत के पास गोली लगने जैसा दर्द होता है, दाएं फेफड़े के निचले हिस्से में दर्द उठता है। हरकत…
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पित्त के बढ़ जाने का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Biliousness ]
प्रायः दस्तों में पित्त का बढ़ जाना और अपान वायु का प्रकोप होता है। कब्ज, सिरदर्द और भूख न लगना जैसे उपसर्ग हो जाते हैं। सिर चकराता है, खट्टी डकार, मुंह का लार से भर जाना और शरीर में कमजोरी आदि लक्षण उजागर होते हैं। निम्न औषधियां इसमें लाभ…
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भूख न लगने का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Anorexia ]
भूख का न लगना या भोजन करते ही पुनः भूख लग जाना, इसमें निम्न औषधियां लाभ करती है। इन्हें लक्षणानुसार प्रयोग करना चाहिए।
इग्नेशिया 200 — खाने की वस्तुओं के लिए अरुचि का न होना, किंतु फिर भी खाने-पीने के लिए भूख का सर्वथा अभाव रहना; इस औषधि…
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मूत्रमेह का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Diabetes Insipidus ]
इस बहुमूत्र के रोग में मूत्र में चीनी (शुगर) नहीं रहती, किंतु मूत्र कई बार बहुत अधिक परिमाण में होता है। मूत्र का आपेक्षिक गुरुत्व स्वाभाविक की अपेक्षा कम होता है। साधारणतः दस से पन्द्रह वर्ष की आयु के भीतर और स्त्रियों की अपेक्षा पुरुषों…
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प्रमेह का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Remedies For Chyluria ]
जब मूत्र के साथ "काइल" (अन्नरस) निकलता है, तो उसे "काइल्युरिया" कहते हैं। इस रोग में शरीर की चर्बी ठीक इमल्सन की तरह होकर मूत्र के साथ निकलती है, इसलिए रोगी जो मूत्र-विसर्जन करता है, वह ठीक दूध की तरह दिखाई देता है; कभी-कभी तो इसे देखकर यह…
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पैतृक रक्तस्राव या हीमोफिलिया का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Hemophilia ]
यह रोग वंशगत रूप से हुआ करता है। जिनकी गठन लंबी, गोरा रंग, पतली त्वचा और त्वचा के नीचे की शिराएं पूर्ण और मोटी होती हैं, ऐसे व्यक्तियों को ही यह रोग अधिक होता है। साधारण चोट लगने या जरा-से में कोई कील-कांटा चुभने या गड़ जाने से इस रोग की…
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संवेदनात्मक पक्षाघात का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Sensory Paralysis ]
मेरुदंड, मस्तिष्क और स्नायु के जो सब रोग होते हैं, उनके वास्तविक कारण का आज तक कोई निर्णय नहीं कर सका है। इनकी रोगोत्पत्ति का कारण-निर्णय बहुत ही कठिन है। इस रोग से कठिनता से ही मुक्ति मिलती है। इस रोग में सर्वप्रथम पैर और जांघ की पेशियों…
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उबासियां लेने का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Treatment For Yawning ]
सल्फर 30 — खूब उबासियां आएं, साथ ही डकार भी आती रहें, तब यह उपयोगी है।
लैकेसिस 30 — हाथ-पैरों और पीठ में दर्द के साथ बेचैनी के साथ अत्यधिक उबासियां भी आएं।
लाइकोपोडियम 5 — दोपहर तथा शाम को भोजन करने के बाद बहुत अधिक उबासियां आना।
एकोनाइट…
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कलाई में संधि शोथ का दर्द का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Treatment For Rheumatoid arthritis ]
लुएटिकम 200 — यदि कलाई में संधिवात का दर्द सवेरे से शाम तक होता रहे, तो दिन में एक मात्रा 200 शक्ति में 3-4 दिन तक देकर देखें। इस औषधि का प्रकृतिगत-लक्षण रात को रोग का बढ़ना है। यदि इस औषधि से लाभ होता दिखाई दे, तो इसे अधिक समय तक देनी…
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हाथ की ऐंठन का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Hand Cramps ]
जेलसिमियम 30 — हाथ कांपते हैं, शरीर की पेशियों पर बस नहीं चलता, कोहनी के अगले हिस्से की पेशियों में ऐंठन होती है। यह ऐंठन की प्रमुख औषधि है। इसके सेवन से लाभ हो जाता है।
जिंकम फॉस 6 — प्रायः पक्षाघात के आरंभ में पीड़ित रोगी की उंगलियों में…
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