अर्बुद या ट्यूमर का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Tumours ]

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शरीर के किसी भी हिस्से में तंतुओं के फूल जाने की वजह से मांस के अनियमित तथा अत्यधिक बढ़ जाने को “अर्बुद” कहते हैं। प्रायः अर्बुद वाले स्थान पर सूजन नहीं होती, केवल मांस का कुछ अंश ही वहां बढ़ जाता है। इसमें दर्द कभी नहीं भी होता और कभी होता भी है।

हाइड्रेस्टिस 6, 30 — यह औषधि ग्रंथियों तथा जरायु के जलनयुक्त अर्बुद में अत्यंत उपयोगी है।

सिकेलि कोर 6, 30 — जरायु के तंतुयुक्त अर्बुद में यह बहुत उपयोगी है। दिन में 3 बार दें।

बैराइटा कार्ल 3, 6 — यह सभी प्रकार के चर्बीयुक्त अर्बुद में बहुत लाभकारी है।

कोनायम 30, 200 — यदि अर्बुद अत्यंत कड़ा हो, तो यह औषधि अत्यंत हितकर है।।

कैल्केरिया फ्लोर 30, 12 — यदि अर्बुद पत्थर जैसा कड़ा और कठोर हो, तब उपयोगी है।

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